जानिए, कैसे हुआ Paytm के MD का निजी डाटा चोरी, वर्चुअल नंबर से किया जा रहा था ब्लैकमेल

punjabkesari.in Tuesday, Oct 23, 2018 - 01:45 PM (IST)

नोएडा: डिजिटल पेमेंट में अग्रणी कंपनी पेटीएम के एमडी विजय शेखर शर्मा के ऑफिस से निजी व गोपनीय डाटा चोरी कर उन्हें ब्लैकमेल कर दस करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है। डाटा चोरी कर ब्लैकमेल करने के आरोप में थाना सेक्टर-20 पुलिस ने पेटीएम मालिक विजय शेखर की निजी सचिव व कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट सोनिया धवन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर चोरी किए गए डाटा पेन ड्राइव में बरामद किया है।
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इस पूरी साजिश की मास्टर माइंड वाइस प्रेसिडेंट व गिरफ्तार हुआ उसका पति बताया जा रहा है। गिरफ्तार तीसरा आरोपी भी कंपनी के एडमिन विभाग में कार्यरत था। वहीं डाटा लीक करने की धमकी देकर दस करोड़ रुपये की रंगदारी थाईलैंड के वर्जुअल नंबर से व्हाटएप कॉल के जरिए मांगी जा रही थी। फोन करने वाला व्यक्ति कोलकता का है। करीब 2 लाख रुपए ब्लैकमेलिंग करके उसने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर भी करा लिए और फिर भी 10 करोड़ रुपए की डिमांड वाइस प्रेसिडेंट सोनिया के इशारे पर करता रहा। 


मामले की गंभीरता को देखते हुए नोएडा पुलिस ने सोमवार दोपहर धोखाधड़ी, रंगदारी मांगने और आईटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। वाइस प्रेसिडेंट समेत तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद एसएसपी डॉ. अजयपाल शर्मा ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद फिर से रिमांड पर लेकर मामले की पड़ताल की जाएगी।
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कैसे किया डाटा चोरी?
एसएसपी ने बताया कि सेक्टर-120 स्थित प्रतीक लॉरियाल सोसायटी निवासी सोनिया धवन, इसका पति रूपक जैन और पेटीएम कंपनी के एडमिन में कार्यरत देवेंद्र को गिरफ्तार किया गया है। महिला सोनिया धवन पिछले 8 साल से ज्यादा समय से कंपनी में सेक्रेटरी और कॉरपोरेट कम्युनिकेशन का काम भी देखती रही है। उसी दौरान उसने पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर के मोबाइल, लैपटॉप व अन्य कंप्यूटर से कई निजी व सीक्रेट डाटा चोरी किया था। इसके बाद सभी डाटा को कोलकाता में रहने वाले रोहित चोमल नामक व्यक्ति को दे दी। रोहित ही 20 सितंबर से सभी गोपनीय डाटा को सार्वजनिक करने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग शुरू की। 

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अकाउंट में किए गए दो लाख रुपये ट्रांसफर
मामले की एफआईआर दर्ज कराने वाले पेटीएम मालिक के भाई व कंपनी में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अजय शेखर ने बताया कि पहली बार 20 सितंबर की शाम करीब 4 बजे वर्चुअल नंबर मेरे पास डेटा को सार्वजनिक करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने के लिए फोन आया था। इसके बाद पता चला कि उसी वर्चुअल नंबर से सुबह में ही करीब 11 बजे विजय शेखर के पास भी फोन आया था। उसमें धमकी दी गई थी कि इस निजी व गोपनीय डेटा को सार्वजनिक कर दिया जाएगा अगर उन्हें 10 करोड़ रुपए नहीं दिए गए तो सभी डेटा को सार्वजनिक कर दिया जाएगा। इसके बाद उसके बताए गए अकाउंट में दो लाख रुपये ट्रांसफर किए गए। जिसके बाद भी उसकी धमकी का सिलसिला जारी रहा तो इसकी सूचना नोएडा पुलिस के एसएसपी को दी गई और फिर थाना सेक्टर-20 में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। 

 

वर्चुअल नंबर से कर रहा था ब्लैकमेल 
बीस सितंबर से ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू हुआ तो उन्होंने अपने स्तर से जांच शुरू की। ब्लैकमेल करने वाला व्यक्ति थाईलैंड के वर्चुअल नंबर से कॉल करता था। जिसके चलते उसका पता नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में कंपनी ने इजराइल स्थित साइबर एक्सपर्ट से मदद ली। जिसके जरिए कोलकता से वर्चुअल नंबर से फोन करने वाले रोहित चोमल का पता मिला। जिसके बैंक अकाउंट में पहले केवल 67 रुपये फिर दो लाख रुपये ट्रांसफर किए गए। जिसके बाद उसे फोन करने के दौरान विश्वास में लेकर इस पूरी साजिश में शामिल लोगों का पता लगाया गया और इसके बाद को जानकारी दी गई।  


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Pardeep

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