दवाइयों के रेट घटने का रास्ता साफ

Monday, Jun 06, 2016 - 08:52 PM (IST)

नई दिल्ली: सरकार ने कैंसर, मधुमेह, विषाणु संक्रमण तथा उच्च रक्तचाप के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 56 महत्वपूर्ण दवाइयों की कीमतों की सीमा तय कर दी है। इससे औसतन कीमत में करीब 25 प्रतिशत की कमी आएगी। हालांकि औषधि कीमत नियामक राष्ट्रीय औषधि कीमत प्राधिकरण (एनपीपीए) ने ग्लूकोज तथा सोडियम क्लोराइड इंजेक्शन जैसे नसों में दिए जाने वाले फ्लूड के छोटी मात्रा के पैक की कीमतों में वृद्धि की है।

एनपीपीए की नई कीमत सीमा से जिन कंपनियों की दवाइयां कीमत निर्धारण के दायरे में आईं हैं, उसमें एबॉट हेल्थकेयर, सिप्ला, ल्यूपिन, एलेबिक, एलकेम लैबोरेटरीज, नोवार्तिस, बायोकॉन, इंटास फार्मास्युटिकल्स, पूर्व रैनबैक्सी (अब सन फर्मास्युटिकल्स इंडस्ट्री) तथा हेतेरो हेल्थकेयर शामिल हैं। प्राधिकरण के चेयरमैन भूपेन्द्र सिंह ने कहा, ‘‘औषधियों की कीमतों में औसतन 25 प्रतिशत की कटौती की गई है। कुछ मामलों में कटौती 10 से 15 प्रतिशत है जबकि अन्य मामलों में यह 45 से 50 प्रतिशत तक है।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा आईवी फ्लूड के 31 अनुसूचित फार्मूलेशन की छोटी मात्रा पैक के मामले में कीमतें बढ़ाई गईं हैं जबकि बड़ी मात्रा के पैक के लिये दाम घटाये गये हैं।  
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