क्लेम नहीं देने पर इंडिया फर्स्ट इंश्योरैंस कंपनी को 5.13 लाख देने का आदेश
Sunday, Nov 04, 2018 - 12:46 PM (IST)
फिरोजपुर: बीमा पॉलिसी होल्डर की मौत के बाद नॉमिनी को लाभ देने से इन्कार करने वाली इंडिया फर्स्ट इंश्योरैंस कंपनी को उपभोक्ता फोरम ने बीमा पॉलिसी के 5 लाख रुपए 9 फीसदी ब्याज सहित व 10 हजार रुपए हुई परेशानी और 3 हजार रुपए कोर्ट खर्च के रूप में जमा करवाने को कहा है।
क्या है मामला
बेदी कालोनी निवासी रश्मदीप सिंह पुत्र हरविन्द्र सिंह ने बताया कि उसके परिवार ने फरवरी 2017 में आन्ध्रा बैंक से मां परमजीत कौर के नाम पर 5 लाख रुपए का मोर्टगेज लोन लिया था। लोन लेते समय आन्ध्रा बैंक के शाखा प्रबंधक ने उसकी मां परमजीत कौर का 5 लाख रुपए का बीमा इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरैंस कंपनी से करवाया और इसके लिए 3 मार्च 2017 को उनके लोन अकाऊंट से बाकायदा 56,090 रुपए की एकमुश्त बीमा राशि भी काटी गई। 23 जून 2017 को उसकी मां की मौत हो गई, लोन अकाऊंट में नॉमिनी होने के नाते उसने अपनी मां की मौत संबंधी 27 जून को बैंक अधिकारियों को सूचना दी, जिन्होंने इसे आगे बीमा कंपनी को फारवर्ड किया।
उसने आरोप लगाए कि 28 जून को बीमा कंपनी की ओर से बैंक अधिकारियों को यह जवाब दिया गया कि परमजीत कौर की मैडीकल क्लीयरैंस न होने के कारण मार्च माह में उनका बीमा रद्द कर दिया गया है और इस संबंधी उनके द्वारा जमा करवाई गई राशि उनके खाते में ट्रांसफर कर दी गई है। इसके बाद जब उन्होंने अपने लोन अकाऊंट की स्टेटमैंट निकलवाई तो पता चला कि बीमा कंपनी द्वारा 28 जून को ही उनके खाते में उक्त प्रीमियम राशि वापस जमा करवाई गई है न कि मार्च माह में। इसके बाद कई माह तक उसका बीमा एवं बैंक अधिकारियों से ई-मेल के माध्यम से क्लेम की राशि संबंधी आदान-प्रदान चलता रहा। करीब 8 माह तक जब बीमा कंपनी और बैंक अधिकारियों ने क्लेम राशि देने से हाथ खड़े कर दिए तो 23 फरवरी 2018 को उसने बीमा राशि लेने के लिए उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया।
यह कहा फोरम ने
उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष अजीत अग्रवाल ने अपने निर्णय में कहा कि उपभोक्ता द्वारा मांगा गया क्लेम बिल्कुल जायज है। इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद बीमा कंपनी को आरोपी मानते हुए उसे उपभोक्ता को क्लेम की राशि 5 लाख रुपए 9 फीसदी सालाना ब्याज दर के हिसाब से 30 दिन में अदा करने के आदेश दिए गए। इसी के साथ उपभोक्ता को हुई परेशानी के एवज में 10 हजार रुपए और 3 हजार रुपए कोर्ट खर्च के रूप में जमा करवाने को कहा गया है।