ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन होगी फ्री, ATM चार्ज पर भी फैसला जल्द

Thursday, Jun 06, 2019 - 02:14 PM (IST)

मुंबईः रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने महंगाई के लक्षित दायरे में रहने के बीच आर्थिक गतिविधियों में आई सुस्ती के मद्देनजर तंत्र में तरलता बढ़ाने और पूंजी लागत में कमी लाने के उद्देश्य से नीतिगत दरों में एक चौथाई प्रतिशत की कटौती की है जिससे आवास, वाहन और व्यक्तिगत ऋण सहित सभी प्रकार के ऋण सस्ते होने की उम्मीद है। इसके साथ ही RBI ने ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन करने वालों को भी बड़ा तोहफा दिया है।


RTGS और NEFT होगा नि:शुल्क
रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) को नि:शुल्क करने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक की मौद्रिक समीक्षा समिति की बैठक के बाद गुरुवार को जारी ‘विकासशील एवं नियमाक नीति बयान' में कहा गया है कि इसके बारे में एक सप्ताह के भीतर अनुदेश जारी किए जाएंगे। बयान के अनुसार, ‘‘डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली को शुल्क मुक्त बनाने का फैसला किया गया है। इसके बाद बैंकों को भी इस फैसले का लाभ अपने ग्राहकों को देना होगा।'' फिलहाल आरबीआई आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली के जरिये हुए लेनदेन के लिए बैंकों से शुल्क लेता है जिसके बदले बैंक ग्राहकों से इसके लिए शुल्क वसूलते हैं। नेटबैंकिंग के जरिए ऑनलाइन लेनदेन तीन तरीके से किया जाता है। आरटीजीएस और एनईएफटी के अलावा आईएमपीएस यानी तत्काल भुगतान सेवा की भी एक प्रणाली है जिसका शुल्क एनईएफटी से ज्यादा होता है। बयान में आईएमपीएस के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। आरटीजीएस सिर्फ दो लाख रुपए या उससे ज्यादा की राशि के लेनदेन के लिए इस्तेमाल होता है जबकि आईएमपीएस का इस्तेमाल सिर्फ दो लाख रुपए तक के लेनदेन के लिए हो सकता है।


क्‍या है RTGS और NEFT
रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) के तहत मनी ट्रांसफर का काम झट होता है। RTGS का उपयोग बड़ी राशि को ट्रांसफर करने के लिए होता है। इसके तहत न्यूनतम 2 लाख रुपए भेजे जा सकते हैं और अधिकतम राशि भेजने की कोई सीमा नहीं है। बैंकों का राशि के हिसाब से ही
आरटीजीएस चार्ज होता है। वहीं नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) के लिए न्यूनतम और अधिकतम पैसे की सीमा नहीं है। यह चार्ज भी अमाउंट के हिसाब से बढ़ता जाता है।


ATM चार्ज पर भी होगा फैसला
एटीएम और उसके इस्तेमाल से जुड़े सभी प्रकार के शुल्कों की समीक्षा के लिए रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक समिति बनायी है जो दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। केंद्रीय बैंक की मौद्रिक समीक्षा समिति की बैठक के बाद गुरुवार को जारी ‘विकासशील एवं नियमाक नीति बयान' में कहा गया है ‘‘लोगों द्वारा एटीएम का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, एटीएम शुल्कों में बदलाव की मांग बार-बार की जा रही है। इस मुद्दे पर, सभी हितधारकों को शामिल करते हुए, भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का फैसला किया गया है जो एटीएम से जुड़े सभी प्रकार के शुल्कों की समीक्षा करेगी।'' आरबीआई ने बताया कि समिति के अन्य सदस्यों के नाम और उसकी जिम्मेदारियों के बारे में एक सप्ताह में घोषणा की जाएगी तथा समिति की पहली बैठक के दो महीने के भीतर वह अपनी अनुशंसाएं सौंप देगी।

Seema Sharma

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