बेदम प्याज से किसान बेबस

Monday, Oct 03, 2016 - 03:35 PM (IST)

मुंबईः प्याज की कीमतों में अनिश्चितता ने महाराष्ट्र के किसानों को एक बार फिर मुश्किल में डाल दिया है। इस मौसम में आम तौर पर प्याज की कीमतें सातवें आसमान पर रहती हैं लेकिन इस साल लासलगांव मंडी में प्याज का भाव एक से डेढ़ रुपए किलोग्राम रह गया है। इतनी कम कीमत से किसानों की लागत तक नहीं निकल पा रही है। लासलगांव मंडी में प्याज लेकर आने वाले किसान मधुकर भागवत खरीदार की बाट जोह रहे हैं। उन्होंने कहा, 'इससे अच्छा होता कि प्याज की फसल को खेतों में रहने देता और उस पर ट्रैक्टर चला देता क्योंकि मंडी में प्याज का जो दाम मिल रहा है, उससे ज्यादा खर्च तो प्याज खोदने और उसे मंडी तक लाने में ही हो जाता है।'

नासिक जिले के निफड़ गांव के किसान दीपक पवार ने कहा, 'बैंक ने कर्ज वसूली का नोटिस भेजा है। हमारी उपज के दाम इतने गिर गए हैं कि हमारे लिए कर्ज चुकाना तक दूभर हो गया है।' प्याज के भाव जमीन पर आने के बाद किसान सरकार से राहत की गुहार लगा रहे हैं। शनिवार को नासिक जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष सैकड़ों किसानों ने भूख हड़ताल पर बैठे पोपट उशीर नाम के किसान के समर्थन में प्रदर्शन किया।

पोपट का कहना है कि वह तब तक अनशन पर रहेंगे जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती है। उनकी प्रमुख मांगों में प्रति किलो 5 रुपए की सब्सिडी देना शामिल है। पिछले साल करीब-करीब इसी वक्त थोक बाजार में प्याज का भाव 40 से 44 रुपए प्रति किलो था। यही वजह है कि इस साल किसानों ने जमकर प्याज की बुआई कर दी। लेकिन उपज की लागत भी नहीं निकलने से किसान कर्ज के बोझ तले दब गए हैं।

आम तौर पर जून से सितंबर तक किसान और स्टॉकिस्ट कीमतें बढ़ाने के लिए आपूर्ति कम कर देते हैं। हालांकि सरकार ने पिछले साल घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने के लिए प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य 700 डॉलर प्रति टन कर दिया था, लेकिन अब निर्यात में सब्सिडी की संभावना तलाश रही है। वैसे किसानों की मदद के लिए प्रति किलो 1 रुपए की सब्सिडी की घोषणा सरकार की ओर से की जा चुकी है।

स्वाभिमानी शेतकारी संघटना के क्षेत्रीय अध्यक्ष हंसराज पाटिल ने कहा, 'बीज और उर्वरकों की बढ़ती कीमतें और मजदूरी एवं परिवहन लागत में वृद्धि से प्याज की उत्पादन लागत 5 से 6 रुपए प्रति किलो आती है। लेकिन 1 रुपए प्रति किलो सब्सिडी को जोडऩे पर भी प्याज का मूल्य दो से ढाई रुपए किलो ही मिल पा रहा है। ऐसे में सरकार को कम से कम 5 रुपए प्रति किलो की सब्सिडी देनी चाहिए।' पोपट ने कहा कि सरकार को चाय बोर्ड और कॉफी बोर्ड की तरह ही प्याज बोर्ड की भी स्थापना करनी चाहिए, जिसमें किसानों की सक्रिय भागीदारी हो। इसके साथ ही सरकार को प्याज का न्यूनतम समर्थन मूल्य 15 रुपए प्रति किलो तय करना चाहिए।

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