गुजरात में Ola-Uber को लगेगा झटका, फ्लीट 20 हजार कैब तक सीमित करने का प्रस्ताव

Wednesday, Sep 26, 2018 - 11:32 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः गुजरात सरकार ने राज्य में ओला, उबर और ऐप से कैब सर्विस देने वाली कंपनियों की फ्लीट 20,000 कैब तक सीमित करने का प्रस्ताव दिया है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो इससे ओला और उबर को देश के सबसे अमीर राज्यों में शामिल गुजरात में नुकसान हो सकता है।



कैब कंपनियों पर लगेगी लगाम
राज्य के परिवहन विभाग के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में ऐसी हरेक कंपनी के लिए सिर्फ एक लाइसेंस देने का भी प्रपोजल है, ताकि कंपनियां अधिक लाइसेंस लेकर 20,000 की कैब लिमिट पार ना कर सकें। दुनिया के कई देशों में ऐप से कैब सर्विस देने वाली कंपनियों पर लगाम के लिए ऐसे कदम उठाए गए हैं या उन पर विचार किया जा रहा है। ऐसे रेग्युलेशन के निशाने पर उबर है, जो दुनिया के 600 से अधिक शहरों में बिजनेस कर रही है। हाल के वर्षों में ओला भारत की सबसे सफल स्टार्टअप्स में से एक रही है। उसे जल्द ही लगभग 8 अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर और फंड जुटाने जा रही है।



कैब संख्या सीमित करने का निवेदन
ब्रिटेन के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के एक वर्किंग ग्रुप ने एक रिपोर्ट में सरकार से लंदन और ब्रिटेन के अन्य बड़े शहरों में ऐप से कैब सर्विस देने वाली कंपनियों की कैब की संख्या को सीमित करने का निवेदन किया था। पिछले वर्ष यूरोपियन यूनियन की सबसे बड़ी अदालत ने एक फैसले में कहा था कि ऊबर ट्रांसपोर्टेशन सर्विस प्रोवाइडर है और इसे किसी अन्य टैक्सी प्रोवाइडर की तरह रेग्युलेट किया जाना चाहिए।



भारत में बन सकता है कानून
भारत में दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक कई राज्य ऐप के जरिए कैब सर्विसेस देने वाली कंपनियों पर नियंत्रण करने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रहे हैं। मई में उबर और ओला के हजारों ड्राइवरों ने इन्सेंटिव्स कम करने के विरोध में कई दिनों तक हड़ताल भी की थी। गुजरात सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कैब कंपनियों के ड्राइवरों के अपराध के मामलों में शामिल होने के कारण यह प्रपोजल दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह अभी केवल ड्राफ्ट है और इसे अंतिम रूप देने से पहले स्टेकहोल्डर्स के सुझावों और आपत्तियों पर गौर किया जाएगा। 

Supreet Kaur

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