त्यौहारों का मजा किरकिरा कर सकता है तेल, 1 लाख टन पाम ऑयल के कॉन्ट्रैक्ट हुए कैंसिल

punjabkesari.in Monday, Sep 23, 2024 - 06:25 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः इस फैस्टिव सीजन में आपको खाद्य तेल के ज्यादा दाम चुकाने पड़ सकते हैं। भारत की रिफाइनरी तेजी से पाम ऑयल के कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल कर रही है। इस पाम ऑयल की डिलीवरी अक्तूबर से दिसंबर के बीच होने वाली थी।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा पाम ऑयल इंपोर्टर है। भारत हर महीने करीब 7.50 लाख टन पाम ऑयल इंपोर्ट करता है। इसमें से करीब 1 लाख टन पाम ऑयल के कॉन्ट्रैक्ट अब तक कैंसिल हो चुके हैं, जो कुल इंपोर्ट का करीब 13 फीसदी है। केंद्र सरकार द्वारा इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का असर अब दिखाई पड़ने लगा है। खाद्य तेलों में पाम ऑयल को मिक्स किया जाता है। ऐसे में इसकी कमी से खाद्य तेलों के दाम में उछाल आ सकता है।

मलेशिया पाम ऑयल के रेट तेजी से बढ़ रहे

एक रिपोर्ट के अनुसार यह सभी कॉन्ट्रैक्ट पिछले 4 दिनों में कैंसिल हुए हैं। सोमवार को करीब 50,000 टन के इंपोर्ट ऑर्डर कैंसिल हुए हैं। मलेशिया पाम ऑयल फ्यूचर में आई जबरदस्त तेजी के चलते ऐसा हो रहा है। 

भारत द्वारा ऑर्डर कैंसिल किए जाने से मलेशिया पाम ऑयल के रेट नीचे आ सकते हैं। साथ ही इससे सोया ऑयल उत्पादकों को भी फायदा हो सकता है। कई रिफाइनरी सोया ऑयल का रुख भी कर सकती हैं।

क्रूड और रिफाइंड ऑयल पर इंपोर्ट टैक्स 20% बढ़ा

भारत ने इस महीने की शुरूआत में क्रूड और रिफाइंड ऑयल पर इंपोर्ट टैक्स 20 फीसदी बढ़ा दिया था। इसके चलते अब पाम ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी 5.5 फीसदी से बढ़कर 27.5 फीसदी हो गई है। अब स्थिति ये बन गई है कि ऑर्डर कैंसिल करने में रिफाइनरी को ज्यादा फायदा है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाम ऑयल बेचने वाले भी इससे खुश हैं। अब वह ज्यादा कीमत में नए सौदे कर सकते हैं। क्रूड पाम ऑयल फिलहाल 1080 डॉलर टन के रेट पर आ गया है। एक महीने पहले तक यह 980 से 1000 डॉलर पर था। भारत मलेशिया के अलावा इंडोनेशिया और थाईलैंड से पाम ऑयल इंपोर्ट करता है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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