रूस से तेल आयात रिकॉर्ड लेवल पर, पश्चिमी देशों के दबाव के आगे नहीं झुका भारत

Sunday, Feb 19, 2023 - 01:04 PM (IST)

नई दिल्लीः यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद से भारत जमकर रूस से सस्ते में क्रूड ऑयल खरीद रहा है। भारत का रूसी तेल आयात जनवरी में बढ़कर रिकॉर्ड 14 लाख बैरल प्रति दिन पर पहुंच गया। इसमें दिसंबर से 9.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। जनवरी में भारत के तेल आयात में रूसी क्रूड की हिस्सेदारी बढ़कर 28 फीसदी पर जा पहुंची। भारत पश्चिमी देशों के खिलाफ जाकर ऐसा कर रहा है। पश्चिमी शक्तियां ऑयल पर रोक लगाकर रूसी इकॉनोमी को गिराना चाहती हैं। हालांकि, भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह अपनी जरूरत की चीजें वहीं से मंगाएगी, जहां कीमत फायदेमंद होगी। 

सरकार ने यह भी कहा कि उसकी तीन ऑयल मार्केटिंग कंपनियां रूस से कच्चा तेल नहीं खरीद रही हैं लेकिन निजी कंपनियां ही हैं जो खरीद, रिफाइनिंग और शिपिंग कर रही हैं। रिपोट्स के अनुसार, भारत के पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 की अवधि में बढ़कर 78.58 अरब डॉलर हो गया। जो पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 50.77 अरब डॉलर था।

384% बढ़ गया रूस से आयात

अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 के दौरान कच्चे तेल के आयात से भारत का रूस से आयात लगभग 384 फीसदी बढ़कर 37.31 अरब डॉलर हो गया। परिणामस्वरूप, रूस 2021-22 में 18वें स्थान से भारत का चौथा सबसे बड़ा आयात भागीदार बन गया। रूस से बढ़ते तेल आयात ने भारत को रुपए में खरीदी हुई वस्तुओं का भुगतान करने से रोक दिया है।

युद्ध के बाद बढ़े थे तेल के भाव

भारतीय तेल क्षेत्र पर रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की एवीपी, विश्लेषक, स्वेता पटोदिया ने बताया, 'रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद कच्चे तेल और अंतर्राष्ट्रीय ईंधन की कीमतों में वृद्धि हुई है। हालांकि, भारत में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के लिए शुद्ध प्राप्त कीमतों में उस गति से वृद्धि नहीं हुई है। जिसके परिणामस्वरूप उनके लिए महत्वपूर्ण मार्केटिंग लॉस हुआ है।
 
 

jyoti choudhary

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