सितंबर में तेल खली का निर्यात 36 प्रतिशत घटा: एसईए

Monday, Oct 18, 2021 - 04:40 PM (IST)

नई दिल्लीः तेल खली निर्यात सितंबर में सालाना आधार पर 36 प्रतिशत घटकर 1.83 लाख टन रह गया। उद्योग निकाय एसईए ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसका इस्तेमाल पशु चारे के रूप में किया जाता है। घरेलू स्तर पर तेल खली उत्पादों की कमी की वजह से इसका निर्यात घटा है। एसईए ने एक बयान में कहा कि स्थानीय कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) सोयामील के आयात की अनुमति दी है और इससे पॉल्ट्री उद्योग को कुछ राहत मिलनी चाहिए। 

कुक्कुट पालन और अन्य क्षेत्रों में तेल खली का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है। सितंबर, 2020 में तेल खली का निर्यात 2.87 लाख टन का हुआ था। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस साल सितंबर में सोयाबीन खली का निर्यात काफी घटकर 5,831 टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 68,576 टन था। 

अरंडी खली का निर्यात एक साल पहले के 45,483 टन से घटकर 34,881 टन रह गया। इसी तरह, रैपसीड मील का निर्यात इस साल सितंबर में घटकर 62,725 टन रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1,40,830 टन था, जबकि चावल-छिल्का खली का निर्यात 32,068 टन से बढ़कर 80,188 टन हो गया। वर्ष 2021-22 के पहले छह महीनों में तेल खली का निर्यात एक साल पहले की समान अवधि के 13 लाख टन से घटकर 12.75 लाख टन रह गया। दक्षिण कोरिया, वियतनाम और थाइलैंड भारत के लिए तेल खली निर्यात के तीन प्रमुख गंतव्य हैं। 

jyoti choudhary

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