सरकारी गोल्ड योजनाओं को उद्योग जगत ने सराहा

Monday, Nov 09, 2015 - 02:04 PM (IST)

मुंबई:  सरकार की इस साल शुरू की गई तीन स्वर्ण योजनाओं से  गोल्ड धातु के उत्पादक इस्तेमाल में मदद मिलेगी और बुलियन आयात में कमी आएगी। विश्लेषकों और उद्योग के खिलाड़ियों ने यह बात कही। निजी क्षेत्र के सबसे बड़े आईसीआईसीआई बैंक नें कहा कि ये योजनाएं 800 अरब डॉलर के सोने को बाजार में लाने और उसका विकास में इस्तेमाल करने की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण साबित होंगी।

ICICI बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर ने कहा, ''सावरेन स्वर्ण बॉन्ड योजना एक प्रभावी वित्तीय उत्पाद है और साथ ही लोगों को सोना खरीदने में जो लाभ मिलता है वह इसमें भी मिलेगा। इससे परिवारों की बचत को सोने की खरीद के परंपरागत रूप से अधिक उत्पादक रूप में संतुलित करने में मदद मिलेगी।''गोल्ड मौद्रिकरण योजना के बारे में कोचर ने कहा कि इससे ऐसे परिवारों के लिए आय का नया स्रोत पैदा होगा, जिनके लिए अभी तक सोना निष्क्रिय निवेश रहा है, जिस पर कोई रिटर्न नहीं मिलता।

सोने की रिसाइक्लिंग शोधन कारोबार क्षेत्र की एकमात्र निजी क्षेत्र की कंपनी मुथूट पप्पाचान ग्रुप ने कहा कि इस योजना का अच्छा हिस्सा यह है कि इससे उपभोक्ताओं के लिए गोल्ड लोन लेने की प्रक्रिया सुगम होगी, जो बॉन्ड को डीमैट फॉर्मेट में भी बदल सकते हैं। मुथूट पप्पाचान ग्रुप के निदेशक थॉमस जॉर्ज ने कहा कि इससे उपभोक्ताओं को बॉन्ड पर ब्याज के रूप में एक अतिरिक्त सुरक्षा उपलब्ध होगा।

 

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