40 करोड़ के पार हुई जनधन बैंक खातों की संख्या, जमा राशि 1.30 लाख करोड़

Monday, Aug 03, 2020 - 04:10 PM (IST)

नई दिल्लीः मोदी सरकार के वित्तीय समावेश कार्यक्रम प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत 40 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं। योजना की शुरुआत छह साल पहले की गई थी। ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक 40.05 करोड़ लोगों के जनधन खाते खोले गए हैं और इन खातों में जमा राशि 1.30 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। जनधन खातों में यह सफलता योजना की छठी वर्षगांठ से कुछ दिन पहले ही हासिल हुई है। योजना का शुभारंभ 28 अगस्त 2014 को किया गया था। योजना का मकसद देश के तमाम लोगों को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ना है।

वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्तीय सेवाओं के विभाग (डीएफएस) ने एक ट्वीट में कहा है, 'दुनिया के सबसे बड़ी वित्तीय समावेशी कार्यक्रम, पीएमजेडीवाई के तहत एक और अहम पड़ाव हासिल कर लिया गया है। इस योजना के तहत खोले गए कुल खातों की संख्या 40 करोड़ के पार निकल गई है। वित्तीय समावेश के इस कार्यक्रम को इसके अंतिम पड़ाव तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध।' पीएमजेडीवाई के तहत खोले जाने वाले जनधन खाते बुनियादी बचत बैंक खाते हैं। इनके साथ रुपे कार्ड और खाताधारक को ओवरड्राफ्ट देने की अतिरिक्त सुविधा दी जाती है।

न्यूनतम राशि की जरूरत नहीं
इस खाते में खाताधारक को खाते में हर समय न्यूनतम राशि बनाए रखने की आवश्यकता नहीं होती है। योजना की सफलता के लिए सरकार ने 28 अगस्त 2018 के बाद खोले जाने वाले ऐसे जनधन खातों के साथ दुर्घटना बीमा राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दिया जो कि पहले एक लाख रुपए रखी गई थी। इसके साथ ही खाते में ओवरड्राफ्ट सुविधा की सीमा को भी बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दिया गया है। सरकार ने योजना के तहत प्रत्येक घर से बैंक खाता खोलने के बजाय अपना ध्यान अब ‘प्रत्येक वयस्क’ का बैंक खाता होने की तरफ कर दिया है।

50% से अधिक महिलाएं
जनधन खाताधारकों में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं और सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कोविड- 19 संकट में गरीबों को मदद देने के वास्ते तीन समान मासिक किस्तों में 1,500 रुपए उनके खाते में डाले हैं। सरकार ने 26 मार्च 2020 को जनधन खाताधारकों के खाते में अप्रैल से तीन महीने तक हर महीने 500 रुपए की सहायता राशि पहुंचाने की घोषणा की।

जनधन के फायदे
पीएमजेडीवाई योजना का मकसद सभी की बैंकिंग तंत्र तक पहुंच सुनिश्चित करने के साथ ही समाज के कमजोर और निम्न आयवर्ग के हर वयस्क व्यक्ति का एक बुनियादी बचत बैंक खाता, जरूरत के मुताबिक कर्ज लेने की सुविधा तथा बीमा और पेंशन की सुविधा मुहैया कराना है। जनधन बैंक खातों के जरिए लोगों को मिलने वाले सरकारी लाभों को भी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डालने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह केन्द्र सरकार की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना को आगे बढ़ाने का बेहतर जरिया साबित हुआ है।

jyoti choudhary

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