NRIs ने भारत से निकाले 94 अरब डॉलर तो रुपए पर बढ़ेगा दबाव

Thursday, Jul 11, 2019 - 04:46 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः आने वाले दिनों में भारतीय रुपए पर दबाव बढ़ सकता है। दरअसल प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के बैंक खातों में जमा 94 अरब डॉलर की धनराशि की अवधि पूरी होने वाली है। इसमें से सारा पैसा देश से बाहर नहीं जाएगा, लेकिन एक हिस्सा एनआरआई निकाल सकते हैं। उसकी वजह यह है कि भारत में ब्याज दरों में गिरावट आई है। इसी वजह से भारत में प्रवासी भारतीय लंबी अवधि के बजाय कम अवधि के लिए डिपॉजिट करना पसंद करते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वित्त वर्ष 2019 के लिए जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, एनआरआईज के कुल 130.4 अरब डॉलर बैंक खातों में जमा है जिसमें से 94 अरब डॉलर की धनराशि इसी वित्त वर्ष में मैच्योर होने वाली है। जानकारों का कहना है कि कुल एनआरआई डिपॉजिट में छोटी अवधि वाले डिपॉजिट में धीरे-धीरे उछाल आ रहा है। प्रवासी भारतीयों के कुल डिपॉजिट में एक साल की अवधि वाले डिपॉजिट की हिस्सेदारी मार्च 2015 में 51 फीसदी थी जो मार्च 2019 में बढ़कर 72 फीसदी पहुंच चुकी है।

विश्लेषक इसके लिए भारतीय बाजार में छोटी अवधि के निवेश पर ज्यादा रिटर्न को भी जिम्मेदार मान रहे हैं। पिछले एक साल में लंबी अवधि के निवेश की तुलना में छोटी अवधि के डिपॉजिट पर ब्याज दरें ऊंची हुई हैं जिसकी वजह से प्रवासी भारतीयों को ये लुभा रहा है। इसके अलावा, भारतीय समुदाय नई सरकार से कई सुधारों के जरिए आकर्षक मौकों की उम्मीद कर रहा था। एनआरआई समुदाय भारतीय बैंकों में पैसा जमा करने में इसलिए भी उत्साह दिखाते हैं क्योंकि विदेश और भारत की ब्याज दरों में बड़ा फर्क होता है। आरबीआई की मौद्रिक नीति से मिलते संकेत के बीच ब्याज दरों में गिरावट की संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा होता है तो एनआरआई समुदाय के पास पहले की तरह बेहतरीन रिटर्न के मौके नहीं होंगे।

Supreet Kaur

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