नए साल में बिजले के मीटर को लेकर होगा बड़ा बदलाव, मिलेगा बचत का मौका

Wednesday, Dec 26, 2018 - 04:50 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः बिजली मंत्रालय ने बिजली के बिल को लेकर अहम फैसला किया है। जल्द ही आप मोबाइल की तरह बिजली का भी रिचार्ज कर सकेंगे। मंत्रालय के फैसले के मुताबिक, पुराने मीटर को प्री-पेड में बदलने का काम 1 अप्रैल, 2019 से शुरू होगा। अगले तीन साल में देश भर में इस काम को पूरा कर लिया जाएगा।

बिजली मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक, राज्‍य सरकारों ने इससे पहले ‘सभी के लिए बिजली’ दस्‍तावेज पर हस्‍ताक्षर किए थे और उन्‍होंने अपने-अपने उपभोक्‍ताओं को चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति करने पर सहमति जताई थी। इसलिए बिजली वितरण के लाइसेंसधारक 1 अप्रैल, 2019 तक या उससे पहले ही अपने-अपने उपभोक्‍ताओं को चौबीसों घंटे बिजली मुहैया कराना शुरू कर देंगे। हालांकि, असाधारण या विशिष्‍ट परिस्‍थितियों में संबंधित आयोग इस समयावधि में कुछ रियायत दे सकता है। इसमें होने वाली देरी के कारणों को लिखित में दर्ज करना होगा। यह काम तभी संभव हो पाएगा, जब डिस्कॉम को बिजली खरीद की पूरी लागत मिले जो कि प्रीपेड मीटर से आसानी से संभव हो सकेगा।

इस कारण उठाया गया ये कदम
अभी देश के कई राज्यों की डिस्कॉम भारी घाटे में चल रही है। इस कारण डिस्कॉम के पास बिजली खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं। बिजली मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि मीटर को स्मार्ट प्री-पेड बना देने से बिजली क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी। सरकार के इस फैसले से कम आय के उपभोक्ताओं को अधिक फायदे की उम्मीद है। हालांकि, नोएडा के औद्योगिक इलाके में पहले से प्री-पेड मीटर का चलन है, लेकिन घरेलू इस्तेमाल के लिए अभी देश के काफी कम इलाके में प्री-पेड मीटर है।

ये होंगे स्‍मार्ट मीटरों के फायदे

  • स्मार्ट मीटरों की ओर उठाया जा रहा यह कदम गरीबों के अनुकूल कदम है, क्‍योंकि उपभोक्‍ताओं को एक ही बार में पूरे महीने के बिल की अदायगी नहीं करनी पड़ेगी। उपभोक्‍तागण इसके बजाय अपनी जरूरतों के हिसाब से भुगतान कर सकते हैं।
  • अपनी जरूरतों के मुताबिक वे अपने मीटर में पैसे डलवाएंगे और उसके मुताबिक बिजली खर्च करेंगे। इससे कम आय वालों के पैसे बचने के साथ बिजली के फालतू खर्च भी नहीं होंगे जिससे बिजली की बचत होगी।
  • स्‍मार्ट प्रीपेड मीटरों का निर्माण करने से युवाओं के लिए कौशलपूर्ण रोजगार भी सृजित होंगे। बिजली के बिल जेनरेट नहीं करने पड़ेंगे जिससे कागज की बचत होगी।
  • अभी बिजली के बिल देने से पहले मीटर रिडिंग के लिए डिस्कॉम को अपने कर्मचारी भेजने पड़ते हैं। प्रीपेड मीटर लग जाने पर इन चीजों पर होने वाले खर्च बचेंगे।

Isha

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