नोटबंदी, जी.एस.टी. से अब तक नहीं उबरी रूरल मार्कीट

Friday, Sep 29, 2017 - 07:06 PM (IST)

मुम्बई: हिंदुस्तान यूनिलीवर (एच.यू.एल.) ने यह बात दोहराई है कि रूरल मार्कीट अब भी पिछले कुछ क्वार्टर्स में पैदा हुए चुनौतीपूर्ण माहौल के असर से उबर नहीं पाई है। एक इन्वैस्टर प्रैजैंटेशन में देश की सबसे बड़ी कंज्यूमर गुड्स कम्पनी ने कंज्यूमर मार्कीट में सुस्ती के कई कारणों को सामने रखा। उसने नोटबंदी, जी.एस.टी. और कमोडिटी की लागत में उतार-चढ़ाव जैसी वजहें गिनाईं। 

प्रैजैंटेशन स्लाइड्स में एच.यू.एल. के एम.डी. संजीव मेहता ने नीलसन के हवाले से कहा है कि साल 2012 में शहरी और ग्रामीण बाजारों में एफ .एम.सी.जी. सैक्टर डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज कर रहा था लेकिन पूरा सैगमैंट सिंगल डिजिट ग्रोथ पर आ गया है और रूरल मार्कीट शहरी मार्कीट से पीछे चल रही है। कम्पनी ने हालांकि कहा कि इन मसलों के बावजूद उसका प्रदर्शन अच्छा रहा है। दिसम्बर क्वार्टर में एच.यू.एल. कोई वॉल्यूम ग्रोथ दर्ज नहीं कर सकी जो पिछली 2 तिमाहियों से सुधर कर 6 पर्सैंट और 8 पर्सैंट हुई थी।

प्रैजैंटेशन में कहा गया कि दूसरे क्वार्टर का शुरूआती हिस्सा ट्रेड में विभिन्न मिथकों से प्रभावित रहा। हालांकि होलसेल चैनल के अब स्टेबल होने से ट्रेड की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है।पिछले एक पखवाड़े में कम्पनी ने इसी तरह के प्रैजैंटेशन सी.एल.एस.ए. और जे.पी. मॉर्गन के लिए दिए थे। रिन डिटर्जैंट और डव शैंपू बनाने वाली कम्पनी ने कहा कि उसने अपना मार्जिन 2010 के 15 पर्सैंट से 300 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाकर 18 पर्सैंट कर लिया है। 

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