नोट बैन: घरों की कीमत में गिरावट आना तय

Friday, Nov 18, 2016 - 11:14 AM (IST)

नई दिल्लीः देश में इस वर्ष जनवरी से सितम्बर के बीच 9 माह में रियल एस्टेट में लेन-देन 42 फीसदी घट कर 9485 करोड़ रुपए (1.40 अरब डॉलर) रह गया। नोटबंदी के बाद रियल एस्टेट में सुस्ती और बढऩे के साथ घरों की कीमत में गिरावट आना भी तय है। 

रियल एस्टेट सैक्टर पर नजर रखने वाली कंपनी कीलायर्स इंटरनैशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘इस अवधि में देश के इस सैक्टर में इन्वैस्टमैंट में 82 फीसदी की गिरावट आई है और यह ईयरली बेसिस पर घट कर करीब 1300 करोड़ रुपए रह गया है। इसमें कहा गया है कि वर्ष की शुरूआत में घरेलू और विदेशी इन्वैस्टर्ज द्वारा भारत के रियल एस्टेट सैक्टर में भारी-भरकम इन्वैस्टमैंट की बात कही गई थी और उसके बावजूद इसमें गिरावट आना चिंता की बात है। 

रिपोर्ट के मुताबिक 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने के फैसले से रियल एस्टेट की स्थिति और भी खराब हो गई है क्योंकि छोटी अवधि में घरों की सेल घटने के साथ रेट में भी गिरावट आएगी। रियल एस्टेट सैक्टर के जानकारों का भी कहना है कि नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर इसी सैक्टर पर पड़ेगा।

नए प्रोजैक्ट्स की रफ्तार भी स्लो होगी
इससे मकानों की कीमतों में गिरावट आने के साथ नए प्रोजैक्ट्स की पेशकश की रफ्तार भी स्लो पड़ेगी। देश के 8 बड़े शहरों में जुलाई-सितम्बर अवधि में नई परियोजनाओं की शुरूआत भी 22 फीसदी घटकर 22,745 रह गई। इस अवधि में बिना बिके मकानों के स्टॉक में महज 3 फीसदी की कमी आई। हालांकि उनका कहना है कि आने वाला समय रहने के लिए फ्लैट या घर लेने की प्लानिंग बना रहे आम कंज्यूमर के लिए बेहतर अवसर हो सकता है क्योंकि काले धन का इस्तेमाल कर घर खरीदने वाले बाजार से फिलहाल बाहर हो जाएंगे। रियल एस्टेट में सबसे अधिक काला धन इस्तेमाल होने की आशंका जताई जाती है क्योंकि खरीदार बड़ी राशि का भुगतान भी कैश में किया करते हैं।

भारी छूट पर भी नहीं मिल रहे खरीदार 
रियल एस्टेट सैक्टर की रिसर्च फर्म प्रोपइक्विटी के मुताबिक जुलाई-सितम्बर क्वार्टर में देश के 8 बड़े शहरों में घरों की बिक्री में 22 फीसदी की गिरावट आई है। इस अवधि में बिल्डरों ने खरीदारों को मुफ्त ए.सी., टी.वी., फ्रिज, फर्नीचर, मॉड्यूलर किचन और फ्री कार पार्किंग तथा एक वर्ष तक मुफ्त रख-रखाव की पेशकश की, फिर भी बिक्री घटी।

रैगुलेटरी का असर भी पड़ेगा
अक्तूबर 2017 से रियल स्टेट सैक्टर रियल एस्टेट रैगुलेटरी के कंट्रोल में आ जाएगा। उसके बाद रियल एस्टेट कम्पनियों के प्रोजैक्ट्स की कंस्ट्रक्शन से लेकर फ्लैट की सेल तक में ट्रांसपेरैंसी बरतनी होगी।
* 82 फीसदी गिरावट आई रियल एस्टेट इन्वैस्टमैंट में।
* 22 फीसदी की गिरावट घरों की सेल में।

नोटों की जमाखोरी न करें लोग: रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक ने लोगों से नोटों की जमाखोरी नहीं करने की अपील की है। केंद्रीय बैंक ने एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘नोटों की पर्याप्त आपूॢत है। करीब 2 माह पहले से ही नोटों की छपाई बढ़ा दी गई थी। आम लोगों से अनुरोध है कि वे घबराएं नहीं या नोटों की जमाखोरी न करें।’’ उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा 1000 तथा 500 रुपए के पुराने नोटों का आम इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिए जाने के बाद से नोट बदलवाने तथा पैसे जमा करवाने और निकालने के लिए बैंकों व ए.टी.एम. के बाहर लोगों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। लोग अधिक से अधिक वैध करंसी अपने पास जमा करने की जुगाड़ में लगे हैं।

Advertising