नोटबंदी से बढ़ा Visa कार्ड पेमेंट का कारोबार

Thursday, Nov 16, 2017 - 02:11 PM (IST)

नई दिल्लीः दुनिया का सबसे बड़े वीजा कार्ड पेमेंट का कारोबार वित्त वर्ष 2016-17 में पिछले 5 सालों के मुकाबले बहुत तेजी से बढ़ा है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि यह मोदी सरकार के नोटबंदी के कदम को सफल बनाने में मदद कर रहा है और लोगों का रुझान डिजीटल पेमेंट की और बढ़ रहा है।

यूबीएस ग्लोबल टेक्नोलॉजी सम्मेलन में कंपनी के वैश्विक प्रमुख वित्तीय अधिकारी वसंत प्रभु ने कहा कि "भारत बहुत लंबे समय से नकदी आधारित समाज रहा है और एक समय एेसा था जब लोगों को नकदी के अलावा अन्य चीजों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर किया गया था।" उन्होंने कहा हम एक कैशलेस समाज बनाने में सरकार की इच्छा के अनुसार 100 फीसदी पीछे हैं। इसके अलावा हम डिजीटल पेमेंट को आसान बनाने के लिए बुनियादी अवरुद्ध और समस्याओं से निपटने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा भारत में डिजीटल लेने देन को स्वीकार करने वालोें की गिनती पिछले 5 सालों के मुकाबले तेजी से बढ़ी है।

कंपनियों के रजिस्ट्रार के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017 में वीजा की भारतीय शाखा का राजस्व पिछले साल की तुलना में 29 फीसदी बढ़कर 449 करोड़ रुपए हो गया है, जबकि इसका शुद्ध लाभ 69 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि हम एक राज्य में राज्य सरकार के साथ एक कैशलेस सिटी अवधारणा बनाने के लिए काम कर रहे हैं। सरकार कार्ड के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग के साथ मिल कर काम कर रही है। पिछले कुछ समय से सरकार ने डिजिटल भुगतान करने के लिए व्यापारियों और उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई उपायों को लागू किया है। वीज़ा भी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में डिजीटल भुगतान को प्रेरित करने के लिए काम कर रही है। एक साल पहले कंपनी ने एमवीसा लांच किया था जिससे एक उपभोक्ता मोबाइल फोन के माध्यम से वास्तविक समय में किसी व्यापारी को पैसे ट्रांसफर कर सकता है और व्यापारी बिना किसी अतिरिक्त हार्डवेयर के तुरंत बाद वीजा लेनदेन स्वीकार करना शुरू कर सकते हैं।

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