सामान्य मानसून, ब्याज दरों में बढ़ोतरी से महंगाई के मोर्चे पर मिल सकती है राहत: एक्सपर्ट्स

Monday, Jun 20, 2022 - 05:56 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस साल मानसून के सामान्य रहने के साथ ही कृषि पैदावर बंपर रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही सिस्टम से इजी मनी को निकालने के लिए आरबीआई की तरफ से ब्याज दरों में की जा रही बढ़ोतरी के चलते साल के अंत तक बढ़ती महंगाई नियत्रंण में आने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि ईंधन और खाने-पीने की चीजों में बढ़ोतरी के कारण देश में महंगाई दर पिछले कई सालों के शिखर पर नजर आ रही है। अर्थशास्त्रियों का यह भी कहना है कि सरकार के पास महंगाई को रोकने के लिए पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर एक्साइड ड्यूटी घटाने की अभी और गुंजाइश है।

सरकार अपनी वित्तीय पॉलिसी के तहत अगर चाहे तो ऐसा कर सकती है लेकिन ज्यादा उम्मीद इस बात की है कि बढ़ती कीमत के दबाव से निपटने के लिए सरकार मौद्रिक नीतियों का ही सहारा लेगी। मई महीने में खुदरा महंगाई  7.04 फीसदी पर रही है जो कि अप्रैल महीने के 7.79 फीसदी की तुलना में  थोड़ी ही कम रही है। 

बता दें कि अप्रैल में खुदरा महंगाई 95 महीनों के हाई पर रही थी। इसी तरह मई महीने में थोक महंगाई 15.88 फीसदी के रिकॉर्ड हाई पर रही है। महंगाई में आई इस बढ़त में तीन चौथाई योगदान खाने-पीने की चीजों में आई महंगाई का है। ऐसे में मानसून के सामान्य रहने के कारण खाने-पीने के चीजों के दाम कम होने की संभावना है। मानसून अच्छा रहने से उत्पादन बेहतर रहेगा और इससे आटा, चावल, दाल और सब्जियों की कीमतों में गिरावट आएगी।

लगतार 5 महीने तक महंगाई के 2-6 फीसदी के टॉलरेंस लिमिट के ऊपर रहने के बाद आरबीआई ने अपने ब्याज दरों में अब तक 0.90 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अभी आरबीआई की तरफ से ब्याज दरों में 0.80 फीसदी की बढ़ोतरी और होती नजर आ सकती है।

महंगाई आम लोगों की जेब में छेद कर रही है। खाने के तेल की कीमतों में आई तेज बढ़ोतरी का महंगाई में सबसे बड़ा योगदान रहा है लेकिन हाल के दिनों में खाने के तेल की कीमतों में कई कंपनियों की तरफ से कटौती का ऐलान किया गया है जो एक अच्छा संकेत है।

jyoti choudhary

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