मोदी राजः 26 महीनों में गैर-सब्सिडी वाला सिलेंडर 276 रुपए महंगा

Saturday, Nov 10, 2018 - 11:04 AM (IST)

नई दिल्ली : मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद तेल मार्केटिंग कंपनियों ने घरेलू रसोई गैस के दामों में 276 रुपए प्रति सिलेंडर तक की वृद्धि कर दी है। यह वृद्धि पिछले 26 महीनों में की गई है। हालांकि, यह वृद्धि गैर-सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम में हुई है, लेकिन इस दौरान सब्सिडी वाला सिलेंडर भी 93.42 रुपए महंगा हुआ है। मोदी सरकार के सत्ता में आने के समय 1 जून 2014 को दिल्ली में सब्सिडी वाले सिलेंडर का दाम 414 रुपए प्रति सिलेंडर (राज्य का टैक्स अलग) था, जो 7 नवंबर को बढ़कर 507.42 रुपए हो गया है।

इस दौरान सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम में 93.42 रुपए की वृद्धि हुई है। यहां यह बताना जरूरी है कि एक परिवार को साल में सब्सिडी वाले 12 सिलेंडर मिलते हैं और इससे ज्यादा सिलेंडर इस्तेमाल करने पर गैर-सब्सिडी वाला महंगा सिलेंडर खरीदना पड़ता है, जिसकी दिल्ली में 7 नवंबर को कीमत 942.50 रुपए (टैक्स अलग) निर्धारित की गई है।  इस दौरान गैर-सब्सिडी वाले सिलेंडर का न्यूनतम दाम 1 सितंबर 2016 को 466.50 रुपए था जो 7 नवंबर के दाम की तुलना में 276 रुपए प्रति सिलेंडर महंगा है। इस महीने में कीमतों में यह दूसरी बढ़ोत्तरी है, जबकि इससे पहले बेस प्राइस पर टैक्स कम्पोनेंट के चलते 1 नवंबर को कीमत 2.94 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़ गई थी। 

यह होगी कमीशन
अब 14.2 कि.ग्रा. के सिलेंडर के लिए डीलर की कमीशन में 30.08 रुपए इस्टैब्लिशमेंट चार्जेस और 20.50 रुपए डिलिवरी चार्ज शामिल होगा। 5 कि.ग्रा. के सिलेंडर पर इस्टैब्लिशमेंट चार्ज 15.04 रुपए और बाकी 10.25 रुपए डिलिवरी चार्ज होगा। डिस्ट्रीब्यूटर के परिसर से सीधे सिलेंडर उठाने वाले कस्टमर्स को डिलिवरी चार्ज नहीं देना होगा।

2017 में वृद्धि

जनवरी 585
फरवरी 651
मार्च  737
अप्रैल 723
मई   631
जून 552
जुलाई  564
अगस्त 524
सितंबर 599
अक्टूबर 649
नवंबर 742
दिसंबर  747

तिथि  एल.पी.जी. का रेट
7 नवंबर  942.50
1 नवंबर 939
1 अक्टूबर  879
1 सितंबर  820
1 अगस्त 789.50
1 जुलाई 754
1 जून 698.50
1 मई 650.50
1 अप्रैल 653.50
1 मार्च 689.00
1 फरवरी 736.00
1 जनवरी  741


सिलेंडर के लिए दोगुना रखना पड़ता है बजट 
सब्सिडी वाला सिलेंडर खरीदने पर भी पहले पूरे पैसे अदा करने पड़ते हैं और तेल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी की राशि बाद में उपभोक्ता के खाते में आती है। पहले आप लोगों को 500 रुपए तक अदा करके ही सब्सिडी वाला सिलेंडर मिल जाता था, लेकिन सब्सिडी आधार कार्ड के साथ लिंक होने के कारण उपभोक्ता को सिलेंडर के लिए अलग से दोगुना बजट रखना पड़ रहा है। 

Isha

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