मंदी की आशंकाओं के बीच Nomura ने घटाया भारत का ग्रोथ का अनुमान, 2023 में 4.7% बढ़ सकती है GDP

Wednesday, Jul 13, 2022 - 05:35 PM (IST)

नई दिल्लीः दुनिया भर में मंदी की आशंका और बढ़ती महंगाई की वजह से भारत की अगले साल की आर्थिक ग्रोथ पिछले अनुमानों से कम रह सकती है। नोमुरा के अर्थशास्त्रियों ने भारत के लिए साल 2023 की जीडीपी ग्रोथ के अनुमानों में तेज कटौती की है। नोमुरा के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था 4.7 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ सकती है। पहले इसके साल के दौरान 5.4 प्रतिशत की रफ्तार के साथ बढ़ने का अनुमान दिया गया था। 

फिलहाल दुनिया भर में बढ़ती महंगाई की वजह से केंद्रीय बैंक दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं जिससे मांग पर असर पड़ने की आशंका बन गई है. वहीं चीन में नए वेरिएंट के मिलने से भी चिंताएं बढ़ी हैं. इन संकेतों से कुछ जानकार मान रहे हैं कि दुनिया के कुछ हिस्सों में मंदी का असर देखने को मिल सकता है.

क्या है नोमुरा की राय

ऑरोदीप नंदी और सोनल वर्मा के द्वारा लिखे गए इस नोट में कहा गया है कि ऊंची महंगाई दर, केंद्रीय बैंकों द्वारा नीतियों में सख्ती, प्राइवेट कैपिटल एक्सपेंडिचर पर असर, बिजली की किल्लत और दुनिया भर में मंदी की आशंका से मध्यम अवधि में अर्थव्यवस्था की मुश्किलें बढ़ेंगी। इसी वजह से हम साल 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5.4 प्रतिशत से घटाकर 4.7 प्रतिशत कर रहे हैं। वहीं वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 7 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ और 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू अर्थव्यवस्था महामारी के पहले के स्तर को पार कर चुकी है और कई सेक्टर में सुधार जारी है लेकिन बढ़ती महंगाई चिंता की बात है। उनके मुताबिक हाल में आई महंगाई दर में नरमी तेल कीमतों में कटौती के लिए सरकार के कदमों की वजह से हैं। वहीं दुनिया भर में महंगाई की स्थिति गंभीर है। जिसका असर घरेलू अर्थव्यवस्था पर दिख रहा है।

बढ़ती महंगाई ने बढ़ाई चिंता

नोमुरा के मुताबिक सरकार ने हाल ही में महंगाई को कम करने के लिए कदम उठाए हैं लेकिन लागत में बढ़त का असर आगे देखने को मिल सकता है। वहीं महंगाई को नियंत्रित करने के लिए आने वाले समय में भी केंद्रीय बैंक दरों में तेज बढ़ोतरी कर सकते हैं जिसका ग्रोथ पर असर संभव है। रिजर्व बैंक मई और जून में दो बार प्रमुख दरों में बढ़ोतरी कर चुका है और इस दौरान दरें 0.9 प्रतिशत बढ़ गई हैं। वहीं आगे भी केंद्रीय बैंक दरों में और बढ़ोतरी करने के संकेत दे चुका है. ऐसे में आगे मांग पर असर पड़ने की संभावना है।
 

jyoti choudhary

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