मोबाइव चोर हो जाएं सावधान, चुराए गए फोन पर नहीं मिलेगी किसी प्रकार की सेवा

Saturday, Jul 08, 2017 - 09:59 AM (IST)

नई दिल्ली: जल्दी ही मोबाइल चोरी से लोगों को छुटकारा मिल सकता है क्योंकि इसे गायब करने वालों को इसका कोई फायदा नहीं होगा। सरकार एक नई व्यवस्था लाने की तैयारी में है जो चुराए गए या गायब हुए मोबाइल फोन पर सभी सेवाओं को रोक देगी। यह व्यवस्था सिम हटाने या आई.एम.ई.आई. संख्या बदलने पर भी सभी नेटवर्क पर काम करेगी।

मोबाइल फोन की संख्या में कमी लाना मुख्य मक्सद
सार्वजनिक क्षेत्र की बी.एस.एन.एल. को इस नई प्रणाली सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सी.ई.आई.आर.) के लिए साफ्टवेयर तथा क्रियान्वयन के तौर-तरीके के विकास की जिम्मेदारी दी गई थी और कंपनी को अपने पुणे केंद्र से महाराष्ट्र में छह महीने तक इसका पायलट आधार पर परीक्षण करना है। एक आधिकारिक दस्तावेज में कहा गया है कि सी.ई.आई.आर. का मकसद नकली मोबाइल फोन की संख्या में कमी लाना तथा चोरी को हतोत्साहित करना है। इससे ग्राहकों के हितें की रक्षा होने के साथ कानूनी रूप से आवाज पकड़ने (इंटरसेप्शन) को लेकर जांच एजेंसियों के लिए रास्ता सुगम होगा। दूरसंचार विभाग की योजना के अनुसार सी.ई.आई.आर. प्रणाली आई.एम.ई.आई. डाटाबेस को सभी मोबाइल आपरेटरों के साथ जोड़ेगी।

मोबाइल चोरी से राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा 
दस्तावेज के अनुसार सी.ई.आई.आर. काली सूची में डाले गए मोबाइल टर्मिनल (सेट)  को सभी नेटवर्क आपरेटरों के बीच साझा करने के लिए के लिए केंद्रीय प्रणाली के रूप में काम करता है ताकि उक्त श्रेणी में एक नेटवर्क में रखे गए उपकरण दूसरे में काम नहीं करें। यह स्थिति तब भी होगी जब सिम कार्ड बदल दिया जाए। जब मोबाइल फोन गायब होता है, संबंधित व्यक्ति को हैंडसेट का पता लगाने के लिए आई.एम.ई.आई. संख्या बताना होगा। आई.एम.ई.आई. 15 अंकों की संख्या है जो वैश्विक उद्योग संगठन जी.एस.एम.ए. आबंटित करता है। दस्तावेज में कहा गया है, मोबाइल फोन की चोरी केवल वित्तीय नुकसान नहीं है बल्कि नागरिकों के व्यक्तिगत जीवन के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा है। गायब हुए, चुराए गए या नकली हैंडसेट के आई.एम.ई.आई. को सी.ई.आई.आर. की सूचना दी जाएगी।

IMEI से छेड़छाड़ पर होगी 3 साल की जेल
दूरसंचार विभाग ने वैसे तो दूरसंचार परिचालकों को फर्जी आई.एम.ई.आई. संख्या वाले मोबाइल फोन को सेवा उपलब्ध कराने से मना किया है। लेकिन कंपनियों को नकली आई.एम.ई.आई. संख्या वाले हैंडसेट की पहचान में दिक्कत आती है। सी.ई.आई.आर.  परिचालकों को फर्जी आई.एम.ई.आई. संख्या वाले हैंडसेट की पहचान में भी मदद करेगा। दूरसंचार विभाग नियमों को भी अधिसूचित करने की तैयारी में है जिसमें आई.एम.ई.आई. संख्या में छेड़छाड़ दंडनीय अपराध होगा। इसमें तीन साल तक की जेल हो सकती है।

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