NSE की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को राहत नहीं, अदालत ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका

Saturday, Mar 05, 2022 - 01:30 PM (IST)

नई दिल्लीः नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विशेष सीबीआई अदालत ने को-लोकेशन मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका आज खारिज कर दी। चित्रा पर हिमालय के एक कथित योगी के इशारे पर काम करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है। सीबीआई ने उनकी जमानत का विरोध किया था। अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने से उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

सीबीआई ने हाल में एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (जीओओ) आनंद सुब्रमण्यम को चेन्नई से गिरफ्तार किया था। माना जा रहा है कि हिमालय का योगी कोई और नहीं बल्कि आनंद सुब्रमण्यम ही हैं। सुब्रमण्यम पर एनएसई के कामकाज में दखल देने का आरोप है। वह एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को सलाह दिया करते थे और वह उनके इशारे पर काम किया करती थीं। सुब्रमण्यम छह मार्च तक सीबीआई की कस्टडी में हैं।

सीबीआई ने बढ़ाया जांच का दायरा
सुब्रमण्यम एनएसई में चित्रा के सलाहकार रहे। सीबीआई ने पिछले हफ्ते एनएसई को-लोकेशन मामले में जांच का दायरा बढ़ाया था। सीबीआई ने इस मामले में 2018 में मामला दर्ज किया था। मई 2018 में दर्ज एफआईआर में चित्रा का नाम आरोपियों में शामिल नहीं था। लेकिन इसमें एनएसई और सेबी के कुछ अज्ञात अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था। एफआईआर में आपराधिक साजिश और सबूत मिटाने के आरोप लगाए गए थे। साथ में घूसखोरी और पद का दुरुपयोग की भी बात थी।

सेबी ने आरोप लगाया था कि चित्रा रामकृष्ण ने एनएसई से जुड़ी गोपनीय जानकारी अज्ञात व्यक्ति के साथ साझा की थी। इसमें एनएसई के पांच साल के वित्तीय अनुमान, डिविडेंट पेआउट रेश्यो, एक्सचेंज का बिजनस प्लान और एनएसई के बोर्ड मीटिंग का एजेंडा शामिल है। चित्रा रामकृष्ण ने सेबी के समक्ष अपनी सफाई में कहा था कि यह अज्ञात व्यक्ति एक योगी है जो हिमालय में रहता है। सेबी ने इस मामले में अपना 190 पेज का ऑर्डर शुक्रवार को जारी किया था। चित्रा रामकृष्ण अप्रैल, 2013 से दिसंबर, 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ रही थीं।


 

jyoti choudhary

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