टाटा-मिस्त्री विवाद: NCLT ने साइरस मिस्त्री को ठहराया सारे संकट का जिम्मेदार
Friday, Jul 13, 2018 - 03:22 PM (IST)
मुंबईः राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एन.सी.एल.टी.) ने टाटा-मिस्त्री विवाद में कहा कि एक कार्यकारी चेयरमैन के पास सर्वाधिकार नहीं होता है और वह ऐसा नहीं सोच सकता है कि बहुलांश शेयरधारक तथा निदेशक मंडल उसका आदेश मानने के लिए तैयार है।
मिस्त्री के कारण सारे संकट हुए शुरू
एन.सी.एल.टी. ने आज सार्वजनिक हुए 368 पन्नों के आदेश में कहा कि टाटा समूह को अपने हिसाब से चलाने के मिस्त्री की गलत अवधारणा के कारण सारे संकट शुरू हुए और टाटा संस के निदेशक मंडल ने उन्हें चेयरमैन पद से हटाने का निर्णय लिया। एन.सी.एल.टी. मुंबई की विशेष पीठ ने 4 महीने चली लंबी सुनवाई के बाद 9 जुलाई को मिस्त्री एवं उनके परिवार द्वारा दायर उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें निदेशक मंडल के खिलाफ अल्पांश शेयरधारकों को प्रताड़ित करने तथा कुप्रबंधन का आरोप लगाया गया था।
NCLT ने इस फैसले को किया खारिज
एन.सी.एल.टी. ने नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार इंटरनेशनल के स्वतंत्र निदेशकों को राहत देने के एन.सी.एल.टी. के फैसले को खारिज कर दिया है। इससे सरकार द्वारा पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में बकाए की वसूली के लिए उनकी संपत्तियों को कुर्क करने का रास्ता साफ हो गया है।
सरकार की अपील को स्वीकार करते हुए न्यायाधिकरण ने एन.सी.एल.टी. मुंबई के आदेश को रद्द कर दिया। एनसीएलएटी ने कहा कि ये लोग पीएनबी घोटाले में लाभार्थी हैं और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) की रिपोर्ट का इंतजार किए बिना उसका मानना है कि किसी को राहत नहीं दी जा सकती। एनसीएलएटी ने दो अप्रैल, 2018 के आदेश को खारिज कर दिया। ये निदेशक हैं सुजल शाह, गोपाल कृष्ण नायर, सुरेश सेनापति, गौतम मुक्काविली और संजय ऋषि।