कॉलेज अटैंड न करने पर नहीं की फीस वापस, अब शिक्षण संस्थान देगा 1.98 लाख

Friday, Jun 21, 2019 - 11:14 AM (IST)

भोपालः एडमिशन लेने के बाद कॉलेज अटैंड न करने पर जमा फीस छात्रा को वापस न करना साई बालाजी एजुकेशन सोसायटी ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूशन इंटरनैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमैंट स्टडीज पुणे को महंगा पड़ गया। उपभोक्ता फोरम ने शिक्षण संस्थान को 1.98 लाख रुपए छात्रा को वापस करने का आदेश पारित किया है। 

क्या है मामला 
जबलपुर की अर्पिता द्विवेदी ने पुणे के शिक्षण संस्थान साई बालाजी एजुकेशन सोसायटी ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूशन इंटरनैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमैंट स्टडीज के खिलाफ दी शिकायत में बताया कि उसने पुणे स्थित साई बालाजी एजुकेशन सोसायटी में एडमिशन लिया था। वह संस्थान से पी.जी.डी.एम. (पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमैंट) का 2 वर्षीय पाठ्यक्रम करना चाहती थी। इसके लिए उसने जुलाई 2011 को संस्थान में प्रवेश के लिए 1 लाख 90 हजार रुपए फीस जमा की थे। संस्था में एडमिशन लेने के बाद उसकी तबीयत खराब हो गई थी। इससे वह एक भी दिन क्लास अटैंड नहीं कर पाई। इस बात की जानकारी उसने संस्थान को दे दी थी। जब वह फीस लेने पहुंची तो संस्थान ने फीस वापस नहीं की। उसने 5 नवम्बर 2012 को फोरम में परिवाद दायर किया। संस्थान की ओर से उपस्थित एडवोकेट ने पक्ष रखते हुए कहा कि आवेदिका जुलाई में कॉलेज नहीं पहुंची। अगस्त 2011 को कॉलेज अटैंड किया और होस्टल में रही। 

यह कहा फोरम ने
यह कहा फोरम ने अध्यक्ष न्यायाधीश आर.के. भावे, सदस्य सुनील श्रीवास्तव और क्षमा चौरे की बैंच का कहना था कि जब स्टूडैंट ने पढ़ाई नहीं की तो फीस किस बात की? मामले में फोरम ने संस्थान के तर्क को खारिज कर दिया और कॉलेज में जमा राशि 1 लाख 90 हजार रुपए छात्रा को वापस करने और मानसिक पीड़ा के लिए 8,000 रुपए हर्जाना देने के आदेश दिए। 

jyoti choudhary

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