डिफेंस कैंटीन में केवल 'मेड इन इंडिया' सामान बेचने पर अभी कोई निर्णय नहीं: रक्षा मंत्रालय

Saturday, Sep 19, 2020 - 01:58 PM (IST)

नई दिल्ली: मानसून सत्र के दौरान आज राज्यसभा में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि डिफेंस कैंटीन में केवल 'मेड इन इंडिया' सामान बेचने पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मई महीने में कहा थाकि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) जैसी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की सभी कैंटीनों पर अब एक जून से केवल स्वदेशी सामान ही बिकेगा।


बता दें कि शाह ने इस दौरान कहा थाकि सीएपीएफ के लगभग 10 लाख जवानों के परिवार के 50 लाख सदस्यों के लिए केवल स्वदेशी सामानों की बिक्री की जाएगी। इस संबंध में शाह ने ट्वीटर पर कई ट्वीट कर कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने और भारत में बने उत्पाद उपयोग करने की अपील की, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है।


सभी कैंटीनों पर लागू होगा नियम
शाह ने कहा कि, 'गृह मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है कि सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कैंटीनों पर अब सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की ही बिक्री होगी। यह फैसला एक जून 2020 को देशभर की सभी सीएपीएफ कैंटीनों पर लागू होगा। जिसके बाद 10 लाख सीएपीएफ कर्मचारियों के 50 लाख परिवार केवल स्वदेशी सामानों का इस्तेमाल करेंगे।' सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और असम रायफल्स आते हैं और इनकी कैंटीनों में सालाना 2,800 करोड़ रुपए मूल्य के उत्पादों की बिक्री होती है।


FDI की लिमिट बढ़कर 74 फीसदी हुई
डिफेंस में आत्मनिर्भरता बढ़ाने को लेकर सरकार ने कहा था कि डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में स्वचालित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की लिमिट को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया जाएगा। अब FDI रूट लिमिट को बढ़ा दिया जाएगा और टाइम बॉन्ड डिफरेंस प्रफोर्मेंस प्रोसेस हमारा हो उसके लिए त्वरित फैसले लेने का भी काम किया जाएगा। रक्षा उत्पादन क्षेत्र में 1849 करोड़ रुपये FDI स्वचालित उत्पादन के माध्यम से प्राप्त होती है।

rajesh kumar

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