NMCE का होगा ICEX के साथ मर्जर, कमोडिटी बाजारों के बीच पहला विलय

Monday, Jul 03, 2017 - 04:49 PM (IST)

नई दिल्लीः नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एन.एम.सी.ई.) और इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (आई.सी.ई.एक्स.) का विलय होगा। यह विलय पूरी तरह से शेयरों के लेनदेन पर आधारित होगा। इस विलय के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज अस्तित्व में आयेगा। कमोडिटी एक्सचेंज क्षेत्र में यह पहला विलय सौदा होगा। विलय के बाद बनने वाले कमोडिटी एक्सचेंज में दुनिया का पहला हीरा वायदा अनुबंध शुरू किया जाएगा।इसके अलावा इसमें सर्राफा, तेल, रबड़ और कृषि जिंसों सहित कई अन्य अनुबंध में कारोबार होगा।

रिलायंस कैपिटल ICEX में सबसे बड़ी निवेशक
आई.सी.ई.एक्स. में रिलायंस कैपिटल सबसे बड़ी निवेशक है। विलय के बाद भी वह अन्य के साथ सबसे बड़ी शेयरधारक बनी रहेगी। विलय के लिए शेयरों की अदला बदली के लिए हुए समझौते के मुताबिक विलय के बाद बनने वाले एक्सचेंज में आई.सी.ई.एक्स. के शेयरधारकों की 62.8 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी जबकि एन.एम.सी.ई. के शेयरधारकों की 37.2 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। विलय को दोनों एक्सचेंजों के निदेशक मंडल ने मंजूरी दे दी है। सभी नियामकीय मंजूरियां मिलने पर यह विलय दिसंबर 2017 तक पूरा होने की उम्मीद है।

कामकाज में होगा बेहतर तालमेल
आई.सी.ई.एक्स. के प्रबंध निदेशक और सी.ई.ओ. संजित प्रसाद ने कहा, विलय के परिणामस्वरूप वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, सदस्यों और ग्राहकों के मामले में सुदृढीकरण होगा, उत्पादों का विस्तार होगा और कामकाज में बेहतर तालमेल होगा।  इसके साथ ही देश में तेजी से बढ़ रहे डेरिवेटिव बाजार में आई.सी.ई.एक्स. की स्थिति और मजबूत होगी। 

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