बड़े चालानों पर बोले नितिन गडकरी- पैसे वसूलने के लिए नहीं, नियमों का पालन करवाने के लिए बढ़ाया जुर्माना

Thursday, Sep 05, 2019 - 04:18 PM (IST)

नई दिल्लीः नए वाहन अधिनियम में यातायात का उल्लंघन करने पर बड़ी राशि के जुर्माने को लेकर छिड़ी बहस के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि दंड में भारी बढ़ोतरी का निर्णय सरकारी खजाने को भरने के लिए नहीं बल्कि वाहन चालकों को नियमों का अनिवार्य रुप से पालन करने के उद्देश्य से किया गया है।

सड़क दुर्घटनाओं में होती है बड़ी संख्या में मौतें
गडकरी ने भारतीय आटोमोबाइल निर्माता संघ (सियाम) के वार्षिक सम्मेलन के दौरान कहा देश में सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में मौतों का उल्लेख करते हुए कहा कि कानून का पालन जरुरी है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे वाहन चालक हैं जिनके लिए कड़े जुर्माने के बगैर यातायात नियम का कोई मतलब ही नहीं है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की राशि में कई गुना बढ़ोतरी को जायज ठहराते हुए गडकरी ने कहा कि यह निर्णय काफी सोच विचार और विभिन्न पक्षों से व्यापक विचार विमर्श के बाद ही लिया गया।

लोगों के कट रहे बड़ी रकम के चालान
गौरतलब है कि 1 सितंबर से देश में यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की राशि में भारी बढ़ोतरी की गई है और इस पर कई राज्यों ने अमल भी शुरु कर दिया है। भुवनेश्वर में बुधवार को एक आटो रिक्शा चालक पर विभिन्न धाराओं में 47 हजार 500 रुपए का जुर्माना किया गया। हरियाणा के गुरुग्राम में भी पुलिस ने कई लोगों के बड़ी रकम के चालान काटे हैं।

यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया
गडकरी ने कहा कि यातायात नियमों में बदलाव के पीछे सरकार की सोच पैसा कमाना नहीं है बल्कि वाहन चालकों को सड़कों पर चलने समय दिशा निर्देशों का पूरी तरह पालन करने के लिए प्रेरित करना है। सड़क हादसों का उल्लेख करते हुए गडकरी ने कहा कि हर वर्ष पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें डेढ लाख लोगों की असमय मृत्यु हो जाती है। मरने वालों में 60 प्रतिशत 18 से 35 वर्ष की आयु के होते हैं। उन्होंने कहा कि इनकी जान बचाने की जरुरत है । कानून का सम्मान और इसके प्रति लोगों में भय नही हो यह अच्छी स्थिति नहीं है। लोगों से यातायात नियमों का पालन करने की लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति की नौबत ही नहीं आनी चाहिए कि जुर्माना भरना पड़े। 

Supreet Kaur

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