सिर्फ LPG ही नहीं बल्कि खाना पकाने के सभी गैसों पर सब्सिडी देने की तैयारी में सरकार

Sunday, Jul 15, 2018 - 04:39 PM (IST)

नई दिल्लीः नीति आयोग एलपीजी सब्सिडी की जगह रसोई गैस सब्सिडी लाने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है। इसका मकसद खाना पकाने के लिए पाइप के जरिए घरों में पहुंचने वाली प्राकृतिक गैस तथा जैव-ईंधन का उपयोग करने वालों को भी इसका लाभ उपलब्ध कराना है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि सब्सिडी उन सभी ईंधन को मिलनी चाहिए जिसका उपयोग खाना पकाने में किया जा रहा है। फिलहाल सरकार तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) का उपयोग करने वालों को सब्सिडी देती है। 



रसोई गैस सब्सिडी लाने के प्रस्ताव पर काम
कुमार ने कहा, ‘‘नीति आयोग एलपीजी सब्सिडी की जगह रसोई गैस सब्सिडी लाने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है। एलपीजी विशिष्ट उत्पाद है। उन सभी उत्पादों/ ईंधन के लिए सब्सिडी होनी चाहिए जिसका उपयोग खाना पकाने में किया जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि अगर कुछ शहर हैं जहां पीएनजी (पाइप के जरिए घरों में पहुंचने वाली प्राकृतिक गैस) का उपयोग होता है तब उन्हें भी सब्सिडी मिलनी चाहिए।’’

गौरतलब है कि कुछ तबकों में यह आशंका जताई जा रही है कि केवल एलपीजी पर सब्सिडी ग्रामीण क्षेत्रों में जैव ईंधन तथा शहरी क्षेत्रों में पीएनजी जैसे स्वच्छ एवं सस्ते ईंधन के उपयोग के रास्ते में बाधा है। रसोई गैस सब्सिडी से संबंधित बदलाव राष्ट्रीय ऊर्जा नीति 2030 के मसौदे में शामिल किया जा सकता है।  



व्यापार युद्ध समस्या और बढ़ेगी
व्यापार तनाव बढऩे से जुड़े सवाल के जवाब में कुमार ने कहा कि पूरी अर्थव्यवस्था खुली अर्थव्यवस्था की अभयस्त है तथा अमेरिका द्वारा शुरू व्यापार युद्ध समस्या को और बढ़ाएगा। कुमार ने कहा, ‘‘हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं लेकिन यह कहना कि हम चिंतित हैं, सही नहीं है इसका कारण यह है कि निर्यात बढ़ाने को लेकर काफी गुंजाइश है और दूसरा व्यापार युद्ध भारत के खिलाफ केंद्रित नहीं है।’’ 



भारत की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी 
हालांकि उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध से संकट बढ़ता है तो भारत को उसके लिए तैयार रहना चाहिए। कुमार ने कहा कि भारत की वृहत आर्थिक स्थिति काफी अच्छी और मजबूत है। ‘‘मुझे लगता है कि निजी निवेश में कुछ धीमापन के बावजूद हमारी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7-7.5 प्रतिशत रहेगी।’’ उन्होंने कहा कि तेल कीमतें बढ़ी हैं लेकिन अब स्थिर हैं। मुझे लगता है कि बुरा दौर समाप्त हो गया है। साथ ही महंगाई दर मुख्य मुद्रास्फीति सकल महंगाई दर से अधिक है। ईंधन और खाने के सामान का महंगाई दर में योगदान नहीं है।’’

jyoti choudhary

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