उद्योगों के लिए सतर्कता बरतने का समय समाप्त: सीतारमण

Tuesday, Oct 18, 2016 - 02:46 PM (IST)

नई दिल्लीः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि भारतीय उद्योगों के लिए अब सतर्कता बरतने का समय समाप्त हो चुका है तथा वे खुलकर निवेश करने और कारोबार विस्तार पर ध्यान दे सकते हैं। एक निजी मीडिया नैटवर्क द्वारा मेक इन इंडिया पर आयोजित कार्यक्रम में परिचर्चा के दौरान श्रीमती सीतारमण ने यह बात कही। उन्होंने कहा, 'भारतीय उद्योगों के लिए सतर्कता बरतने का समय अब समाप्त हो चुका है। उन्हें अब आक्रमक रुख दिखाना चाहिए।' उनसे पूछा गया था कि दूसरे देशों की कंपनियों की तुलना में भारतीय कंपनियां आक्रमक रुख अपनाती नहीं दिखती हैं। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान शुरू करने के पीछे सरकार के 3 उद्देश्य थे- देश में कारोबार करना आसान बनाना, निर्यात को प्रोत्साहित करना तथा कंपनियों के लिए व्यापार करना सुविधाजनक बनाना। पिछले 2 साल के दौरान इन लक्ष्यों की दिशा में काफी सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग जगत को खुद पर भरोसा करना चाहिए तथा सरकार पर भरोसा रखना चाहिए और उम्मीद जताई की उद्योग जगत सरकार के साथ लगातार संपर्क में रहेगा।  

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आंशिक बेरोजगारी की स्थिति है और इसलिए सरकार विनिर्माण को बढ़ावा देकर उसमें रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा करना चाहती है। यह स्थानांतरित श्रमबल संभवत: आईटी तथा प्रौद्योगिकी आधारित अन्य क्षेत्रों में रोजगार के लिए प्रशिक्षित नहीं होगा और इसलिए इन्हें विनिर्माण क्षेत्र में ही रोजगार के अवसर मुहैया कराने होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की कौशल भारत योजना इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगों के उचित परिवेश बनाने पर काम कर रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनाए जा रहे हैं। 

बंदरगाहों के निकट लॉजिस्टक हब बनाने की योजना है। माल ढुलाई का खर्च कम करने के लिए देश के भीतर भी जलमार्ग परिवहन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही सरकार माल ढुलाई खर्च कम करने के लिए रेलवे से भी बात कर रही है। श्रीमति सीतारमण ने कहा कि मेक इन इंडिया अभियान शुरू किए जाने से राज्यों के बीच प्रतिस्पद्र्धा की भावना बढ़ी है। अब वे खुद रेटिंग में ऊपर पहुंचने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय उत्पादों को वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार विस्तृत चर्चा की योजना बना रही है जिसमें दुनिया भर के विशेषज्ञ तथा उद्योगों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। 

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