दिल्ली में वायु प्रदूषण फैलाने के लिए NGT ने फॉक्सवैगन पर लगाया 171.34 करोड़ रुपए का जुर्माना

Tuesday, Jan 15, 2019 - 06:06 PM (IST)

नई दिल्लीः राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की चार सदस्यीय समिति ने जर्मनी की वाहन कंपनी फॉक्सवैगन पर 171.34 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। कंपनी पर यह जुर्माना अत्यधिक नाइट्रोजन आक्साइड (एनओएक्स) के उत्सर्जन के कारण दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य को हुए नुकसान को लेकर लगाया गया है। विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि फॉक्सवैगन की कारों ने राष्ट्रीय राजधानी में 2016 में लगभग 48.68 टन एनओएक्स उत्सर्जन किए। 

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अतिरिक्त एनओएक्स उत्सर्जन के कारण स्वास्थ्य को नुकसान हुआ और दिल्ली को जैसे महानगरों को आधार मानते हुए मूल्य के हिसाब से यह नुकसान करीब 171.34 करोड़ रुपए का है। यह आंकड़ा मोटा-मोटी हो सकता है। इसका कारण देश में पर्यावरण पर नाइट्रोजन आक्साइड के कुल प्रभाव के आकलन के तरीकों का अभाव होना है। इसीलिए केवल स्वास्थ्य नुकसान का आकलन किया गया है। नाइट्रोजन आक्साइड वायु प्रदूषित करता है और यह हृदय और फेंफड़े की बीमारी का कारण है।

चार सदस्यीय समिति में एआरएआई (आटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन आफ इंडिया) की निदेशक रश्मि उद्र्धवर्शी, सीएसआईआर-एनईईआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डा. नितिन लाभसेतवार, भारी उद्योग मंत्रालय में निदेशक रामाकांत सिंह तथा सीपीसीबी के सदस्य सचिव प्रशांत गरगवा हैं। एनजीटी ने इस मामले में सुझाव देने के लिए समिति का गठन पिछले साल 16 नवंबर को किया। समिति को इस बात पर विचार करने की जिम्मेदारी दी गई थी कि क्या विनिर्माता ने निर्धारित पर्यावरण नियमों का अनुपालन नहीं किया। साथ ही इससे पर्यावरण को हुए नुकसान का आकलन करने को कहा गया था। 

समिति ने एनजीटी से कहा कि नाइट्रोजन आक्साइड के उत्सर्जन का प्रमुख स्रोत वाहन हैं। नाइट्रोजन आक्साइड का सबसे प्रमुख और प्रचलित रूप नाइट्रोजन डाइआक्साइड है। उसने कहा कि हवा में नाइट्रोजन डाइआक्साइड की अत्यधिक मात्रा से अस्थमा होने का खतरा है और इससे श्वसन संबंधी बीमारी बढ़ सकती है। समिति के अनुसार मूल्य का आकलन शहर में लोगों की प्रति व्यक्ति आय के आधार पर की गई है। वहीं मौद्रिक अनुमान के लिए मृत्यु दर को लेकर सांख्यिकी जीवन का उपयोग किया गया है। जुर्माने का निर्धारण भारत में फॉक्सवैगन की 3.27 लाख कार के आधार पर किया गया है। इन कारों में उत्सर्जन को छिपाने के लिए साफ्टवेयर का उपयोग किया गया था।

jyoti choudhary

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