CBI को ब्‍लैकमनी की जांच के लिए मिलेगा नया ऑनलाइन सिस्‍टम

Sunday, Apr 16, 2017 - 01:28 PM (IST)

नई दिल्‍लीः सी.बी.आई. को बेहिसाबी धन या काले धन से संबंधित मामलों की जांच में सहायता के लिए एक नई ऑनलाइन प्रणाली मिलेगी जिससे अधिकारियों को विभिन्न एजैंसियों मसलन बैंकों, आयकर विभाग तथा वित्तीय खुफिया इकाई (एफ.आई.यू.) आदि से आंकड़ों को जुटाने में मदद मिलेगी। अधिकारी ने कहा कि नई प्रणाली अधिक वैज्ञानिक है और इससे जांचकर्ताओं को सभी आधुनिक माध्यम का इस्तेमाल कर सभी छिपाई गई आमदनी के बारे में जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी।  

क्यों है पुराने सिस्टम को बदलने की जरूरत
सी.वी.सी. का मानना था कि आय से अधिक संपत्ति की कैलकुलेशन का मौजूदा सिस्‍टम कई साल पुराना है, इसमें जानकारियां एक्‍सेस करने के सीमित अवसर है ऑफिशियल डॉक्‍यूमेंट के अनुसार आय से अधिक संपत्ति की कैलकुलेशन के लिए सिस्‍टम में सुधार की जरूरत थी। इसमें सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट भी शामिल है, जोकि जांच एजेंसी को केस से जुड़े इनकम और खर्चों का सही-सही ब्‍योरा दे सके। सी.वी.सी. का यह भी मानना था कि मौजूदा सिस्‍टम में बैंकों, एफ.आई.यू., टैक्‍स डिपार्टमेंट्स जैसी एजेंसियों के साथ डाटा अनिवार्य रूप से हासिल नहीं किया जा सकता है।

क्‍या है मल्‍टी डिसिप्‍लेनरी कमिटी?  
जांच एजेंसियों के बीच तालमेल बेहतर बनाने और उस कामकाज की देखरेख के लिए सी.वी.सी., सी.बी.आई., एफ.आई.यू. और पर्सनल एवं ट्रेनिंग डिपार्टमेंट के अफसरों को लेकर मल्‍टी डिसिप्‍लेनरी कमिटी बनाई गई।एक सीनियर सी.वी.सी. अफसर ने बताया कि पैनल ने सी.बी.आई. पर आगे के इनपुट के साथ अपनी एक रिपोर्ट सौंप दी है जिसे स्‍वीकार कर लिया गया है। अफसर के अनुसार, नया सिस्‍टम अधिक वैज्ञानिक होगा। इससे जांच करने वाले अफसरों को आधुनिक टूल्‍स के जरिए छुपी हुई इनकम से जुड़ी जानकारियां मालूम करने में मदद मिलेगी। प्रिवेंशन ऑफ करप्‍शन एक्‍ट के जरिए आय से अधिक संपत्ति और इलीगल वेल्‍थ के मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले साल सीबीआई ने करप्‍शन के 673 मामले दर्ज किए, जिनमें 1300 से ज्‍यादा सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। 

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