नया इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कानून लागू

Saturday, Dec 17, 2016 - 11:16 AM (IST)

नई दिल्लीः कंपनियों के इन्सॉलवेंसी (दिवालिया) से जुड़े मामलो का अब जल्द ही निपटारा हो सकेगा। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कानून को लागू कर दिया है। इसके तहत अब इन मामलों का महज 180 दिनों के भीतर निपटारा हो सकेगा जिससे घाटे में चल रही कंपनियां आसानी से बंद हो जाएंगी। सरकार ने करीब एक साल पहले 22 दिसंबर 2015 को यह बिल संसद में पेश किया था।

अदालतों पर बोझ होगा कम
इन्सॉलवेंसी एंड बैंकरप्सी कानून के तहत किसी कंपनी को समाप्त करने के बारे में 180 दिनों के भीतर फैसला लिया जाएगा। जबकि, फास्ट ट्रैक एप्लीकेशंस का निपटारा महज 90 दिनों के भीतर ही हो जाएगा। कंपनी को अधिकारिक रूप से समाप्त किया जा सकता है। इसके तहत घाटे में चल रही कंपनियों के सामने रिवाईवल के अलावा दूसरे कदम उठाने का भी प्रावधान है। लेकिन, इससे पहले ये कंपनियां सिर्फ रिवाईवल ही कर सकती थीं। इन्सॉवेंसी एंड बैंकरप्सी कोड का सबसे बड़ा फायदा होगा कि इससे अदालतों पर पड़ने वाले बोझ को कम किया जा सकेगा। इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल्स का नेटवर्क स्थापित करने के लिए भी इसमें समय-सीमा का प्रावधान मौजूद है।

मामले निपटाने में भारत में लगता है ज्यादा समय
बिजनेस में अफसफलता और आर्थिक परेशानियों के चलते इन्सॉल्वेंसी के मामले बनते हैं। विश्व बैंक की रिपोर्ट कहती है कि भारत में इन्सॉल्वेंसी के मामलों को निपटाने में सबसे ज्यादा समय लगता है। मौजूदा समय तक यहां 4 साल का समय लग जाता है। जबकि, पड़ोसी देश चीन में इससे आधा यानी लगभग 2 साल का समय लगता है।

समय रहते होंगी कंपनियां रिवाईव
नए कानून के तहत कंपनियों को समय रहते रिवाईव भी किया जा सकता है। इस कानून में फाइनेंशियल परेशानियों की पहचान जल्द की जा सकती है। कानून में इसके लिए विशेष प्रावधान दिए गए हैं। इन परेशानियों की पहचान के बाद तत्काल कंपनी के रिवाईव के लिए कदम उठाना अब आसान होगा। जबकि, इससे पहले जब तक बीमार कंपनियों की परेशानियों को चिन्हित किया जाता था तब तक ये दिवालिया हो चुकी होती थीं।

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