H-1B वीजा पर जारी की नई गाइडलाइन, सख्त हुआ ट्रंप प्रशासन

Tuesday, Apr 04, 2017 - 01:34 PM (IST)

वॉशिंगटनः अमरीका की सरकार मौजूदा H-1B वीजा प्रणाली को बदलने की तैयारी में है। सरकार ने हाल ही में पॉलि‍सी मेमोरेंडल को जारी कि‍या, जि‍समें कहा गया है कि‍ कंप्‍यूटर प्रोग्रामर्स H-1B वीजा के योग्‍य नहीं होंगे। यूएस सि‍टि‍जनशि‍प एंड इमि‍ग्रेशन सर्वि‍सेज (यू.एस.सी.आई.एस.) ने 31 मार्च को ‘रीसेशन ऑफ द दि‍संबर 22, 2000, गाइडलाइन मेमो ऑन H-1B कंप्‍यूटर रीलेटेड पोजि‍शन’ नाम से पॉलि‍सी मेमोरेंडम को जारी कि‍या है। डॉक्‍यूमेंट में कहा गया है कि‍ साल 2000 का H-1B के लि‍ए जारी गाइडिंग पॉलि‍सी डॉक्‍युमेंट को जारी नहीं रखा जाएगा। 

नई गाइडलाइन
- ब्‍लूमबर्ग की एक रि‍पोर्ट के मुताबि‍क, जारी की गई नई गाइडलाइन के तहत H-1B वीजा के लि‍ए अप्‍लाई करने वाले कंप्‍यूटर प्रोग्रामर्स को अति‍रि‍क्‍त जानकारी देनी होगी।
- उनको यह साबि‍त करना होगा कि‍ जॉब जटि‍ल और इसके लि‍ए ज्‍यादा एडवांस नॉलेज या एक्‍सपीरि‍यंस की जरूरत है। 
- यह तत्‍काल प्रभाव के साथ लागू होगा ताकि‍ कंपनि‍यों की ओर से होने वाले सालाना लॉटरी प्रोसेस में बदलाव आएगा। 
- इससे कंप्‍यूटर प्रोग्रामर्स के लि‍ए ज्‍यादा स्‍क्रूटनी करनी होगी। 
- हॉवर्ड यूनि‍वर्सि‍टी के एसोसि‍एट प्रोफेसर रोन हेरा ने कहा कि‍ योग्‍यता को सख्‍त करने की दिशा में यह सही कदम है। रोन हेरा ने H-1B प्रोग्राम पर काफी रिचर्स कि‍या। उन्‍होंने कहा कि‍ आपको यह तर्क देना होगा कि‍ क्‍यों इस व्‍यक्‍ति‍ की जरूरत है। 

क्या है H-1B वीजा
H-1B वीजा ऐसे विदेशी पेशेवरों के लिए जारी किया जाता है जो ऐसे 'खास' कामों के लिए स्किल्ड होते हैं। अमरीकी सिटीजनशिप और इमिग्रेशन सर्विसेज के मुताबिक, इन 'खास' कामों में वैज्ञानिक, इंजीनियर और कंप्यूटर प्रोग्रामर शामिल हैं। हर साल करीब 65,000 को लॉटरी सिस्टम के जरिए ऐसे वीजा जारी किए जाते हैं। आईटी कंपनियां इन प्रोफेशनल पर ज्यादा निर्भर होती है। साल 2017- 2018 के लिए H-1B वीजा जारी करने के लिए सोमवार को बिना किसी बदलाव के लॉटरी सिस्टम शुरू हो चुका है।

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