UPI में नया फीचर: एक ही बैंक खाते से दो व्यक्ति कर सकते हैं UPI पेमेंट, जानिए पूरी डिटेल्स

punjabkesari.in Friday, Aug 16, 2024 - 10:51 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) प्लेटफॉर्म पर एक नया फीचर लॉन्च किया है, जिससे यूजर्स अपने UPI अकाउंट्स को दूसरों के साथ साझा कर सकेंगे। इस फीचर को 'UPI सर्कल डेलिगेट पेमेंट्स' कहा जा रहा है, जिसके जरिए प्राइमरी अकाउंट होल्डर सेकेंडरी यूजर्स को ट्रांजेक्शन करने की अनुमति प्रदान कर सकते हैं।

एक ही बैंक खाते से दो व्यक्ति कर सकते हैं UPI भुगतान

एक रिपोर्ट के अनुसार, UPI सर्कल डेलिगेट पेमेंट्स एक ऐसा फीचर है जिसमें UPI अकाउंट का मास्टर एक्सेस अकाउंट होल्डर के पास रहता है लेकिन वह किसी और को भी पेमेंट करने के लिए अकाउंट का एक्सेस दे सकता है। बैंक ऑफ बड़ौदा के डिजिटल बैंकिंग संचालन के मुख्य महाप्रबंधक के.वी. शीतल का कहना है कि यह फीचर परिवार के सदस्यों या परिचितों को भुगतान करने का अधिकार सौंपने का एक नया तरीका है। इसके जरिए दो व्यक्ति एक ही बैंक खाते से UPI भुगतान कर सकते हैं।

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कैसे काम करेगा?

प्राइम्स पार्टनर्स के एमडी श्रवण शेट्टी के अनुसार, इस फीचर के तहत प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर के लिए एक मेन्डेट बना सकता है। प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर को पूरी या आंशिक रूप से भुगतान करने का अधिकार दे सकता है। यदि पूरा अधिकार दिया जाता है, तो सेकेंडरी यूजर को प्राइमरी यूजर द्वारा निर्धारित राशि का सीधे भुगतान करने का अधिकार होगा। आंशिक अधिकार की स्थिति में, सेकेंडरी यूजर को हर लेनदेन के लिए प्राइमरी यूजर से अनुमति का अनुरोध करना होगा।

लिमिट क्या होगी?

प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर के लिए ट्रांजेक्शन लिमिट भी सेट कर सकता है। NPCI के मुताबिक पूरे अधिकार पर अधिकतम मासिक सीमा 15,000 रुपए होगी। आंशिक डेलीगेशन के लिए मौजूदा UPI सीमा लागू होगी।

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क्या फायदा होगा?

ऐसे घरों में जहां परिवार के केवल एक सदस्य का बैंक खाता है, यह सुविधा उनके लिए काम की होगी। इससे नकदी पर उनकी निर्भरता कम हो जाती है। माता-पिता को खर्च पर नियंत्रण रहेगा। कर्मचारियों को छोटे-मोटे खर्चे को संभालने के लिए अधिकार मिल सकता है।

सेफ है यह सुविधा?

NPCI के मुताबिक इसमें सुरक्षा के लिए मजबूत उपाय है। यह सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि केवल खाताधारक ही लेनदेन को वेरिफाई कर सकता है। वे लेनदेन की सीमा तय कर सकते हैं। प्राइमरी अकाउंट होल्डर्स को हर लेनदेन के लिए वास्तविक समय में सूचित किया जाता है, जिससे उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि को जल्दी से पहचानने और रिपोर्ट करने का मौका मिलता है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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