शीशे की छत, घुमावदार सीटें- जानिए भारतीय रेलवे के नए कोच में और क्या है खास

punjabkesari.in Monday, Apr 17, 2017 - 09:32 AM (IST)

नई दिल्लीः रेलवे ने देश में पहली बार ट्रेन में एक विस्टाडोम कोच पेश किया है। विशाखापत्तनम-किरांदुल ट्रेन में यह कोच लगाया गया। इस कोच से बाहर का नजारा देखा जा सकता है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भुवनेश्वर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ट्रेन को रवाना किया। विस्टाडोम कोच वातानुकूलित है और इसे खासतौर पर डिजाइन किया गया है।

ये हैं खासियतें
इसके बारे में यह दावा किया जा रहा है कि यह भारतीय रेलवे में अपनी तरह का पहला है। इसमें शीशे की बड़ी-बड़ी खिड़कियां हैं और एक अवलोकन लाउंज है। 3.38 करोड़ रुपए की लागत से बना 40 सीट वाले कोच की खासियत यह है कि इसमें लगी सीटें 360 डिग्री तक घूम सकती हैं। इस कोच की छत पर भी कांच लगा है। इसके दरवाजे स्वत: सरकने वाले हैं। इस कोच से यात्री विशाखापत्तनम से अराकूघाटी पर्वत स्टेशन के बीच के 128 किलोमीटर लंबे रास्ते का शानदार नजारा देख सकते हैं। इस मौके पर प्रभु ने कहा कि विस्टाडोम कोच को देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शामिल किया जा रहा है।

ट्रेन की छत है शीशे की
विस्टाडोम कोच की सीटें रोटेटेबल होंगे यानी आप उन्‍हें अपनी इच्छानुसार घुमा सकेंगे। सीटों का रंग शताब्‍दी जैसी ट्रेनों के जैसा रखा गया है। कोच के भीतर एल.ई.डी. लाइट्स रोशनी करेंगी। विस्‍टाडोम कोचेज में मनोरंजन का भी इंतजाम होगा। विशाखापट्टनम और अराकू के बीच एक आधुनिक ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद प्रभु ने कहा कि विस्टाडोम कोच वाली ट्रेन की तस्वीरें साझा कर खुशी का अनुभव कर रहा हूं। इस ट्रेन में शीशे की छत, एल.ई.डी. लाइटें, घुमावदार सीट और जी.पी.एस. आधारित इंफो सिस्टम लगे हैं। रेल मंत्री ने कहा कि इस ट्रेन से यात्रा करने पर यात्रियों को ज्यादा आनंद की अनुभूति होगी। यात्रियों को प्रकृति के सौंदर्य देखने को मिलेंगे।


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