ऑप्रेशन दौरान की लापरवाही, अब स्पर्श अस्पताल देगा हर्जाना

Sunday, Apr 22, 2018 - 05:02 AM (IST)

संत कबीर नगर: जिला उपभोक्ता फोरम ने पथरी के ऑप्रेशन में लापरवाही पूर्वक इलाज करने के एक मामले में स्पर्श अस्पताल के खिलाफ  फैसला सुनाया है। फोरम ने इलाज में खर्च 50,000 रुपए ब्याज सहित व हर्जाना 60 दिन के भीतर अदा करने का आदेश दिया है। 

क्या है मामला
बस्ती जनपद के मुंडेरवा थाना क्षेत्र के पिपरा गांव निवासी सुभावती देवी पत्नी त्रियुगी ने कहा कि सितम्बर 2014 में उसने कमर व पेट में दर्द होने पर भुजैनी में स्थित स्पर्श अस्पताल के डा. राकेश कुमार चौधरी को दिखाया। अल्ट्रासाऊंड जांच के बाद उन्होंने बताया कि गुर्दे में पथरी है। उसे डाक्टर ने शल्य चिकित्सा द्वारा इलाज करने की बात कही। 30 सितम्बर को उसने स्मार्टकार्ड से 15,000 रुपए का भुगतान किया तथा शेष 5000 रुपए नकद लेकर उसे भर्ती कर लिया। उसे ऑप्रेशन के उपरांत जनरल वार्ड में भेज दिया गया। उसे एक माह के बाद 30 अक्तूबर को डिस्चार्ज किया गया। 

हिदायत दी गई कि वह बराबर आकर दिखाए। एक माह के इलाज में रुपए 30,000 रुपए खर्च हो गए। घर आने के 10 दिन बाद ही घाव पक गया। पुन: अस्पताल जाने पर बराबर इलाज करवाने की सलाह दी गई। लगभग 14 माह तक इलाज चलता रहा। सुधार न होने पर जनवरी 2016 में ओपेक चिकित्सालय बस्ती के डाक्टर को दिखाया। एक्स-रे व अल्ट्रासाऊंड करवाने के बाद उन्होंने बताया कि पूर्व में जो ऑप्रेशन हुआ था उस दौरान जो नली लगाई गई थी उसे बिना निकाले ही घाव पर टांके लगा दिए गए थे। 8 जनवरी को नली निकालने के लिए उसका दोबारा ऑप्रेशन कर नली निकाली गई। इस पर दोबारा उसके 15,000 रुपए खर्च हुए। उसे मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति उठानी पड़ी। 

यह कहा फोरम ने 
फोरम के अध्यक्ष प्रेमचंद्र गुप्ता व सदस्य राम सुरेश चौरसिया ने बताया कि डॉ. राकेश कुमार चौधरी ने आरोपों को इन्कार करते हुए कहा कि उनका अस्पताल यूनाइटेड इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी से 50 लाख रुपए तक बीमित है। व्यावसायिक देयता बीमा कम्पनी द्वारा वहन की जाएगी। फोरम ने अस्पताल व बीमा कम्पनी को उत्तरदायी मानते हुए इलाज, जांच आदि में खर्च 50,000 रुपए तथा शारीरिक व मानसिक पीड़ा के लिए 20,000 रुपए तथा वाद व्यय के रूप में 2000 रुपए अतिरिक्त 9 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश दिया है। 

Pardeep

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