पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए बाधाओं को पहचानने की जरूरतः राजीव कुमार
Monday, Apr 09, 2018 - 04:49 PM (IST)
नई दिल्लीः नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए बाधाओं को चिन्हित करने, संसाधनों के कारगर उपयोग करने तथा नए सिरे से ध्यान देने की आवश्यकता है। कुमार ने कहा कि सरकार क्षेत्र में विकास नीतियां तैयार करते समय सभी पूर्वोत्तर राज्यों को यथासंभव शामिल करेगी ताकि किसी को यह महसूस नहीं हो कि उसे छोड़ दिया गया गया है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए नीति मंच की कल होने वाली बैठक से पहने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार क्षेत्र में असमानता को लेकर चिंताओं को दूर करने की कोशिश करेगी। यह बैठक त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में होगी। बैठक की अध्यक्षता कुमार करेंगे और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह सह-अध्यक्षता करेंगे। बैठक में पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। इस मौके पर सिंह ने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र की न्योयोचित वृद्धि सुनिश्चित करेगी।
बैठक के एजेंडे में सड़क, रेल और हवाई संपर्क में सुधार की रणनीति, क्षेत्र में पनबिजली क्षेत्र में मौजूदा क्षमता के उपयोग के लिए आगे का रास्ता, कृषि एवं सबद्ध क्षेत्रों के विकास, जल प्रबंधन तथा पर्यटन को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए नीति मंच का गठन फरवरी 2018 में किया गया। इसका मकसद देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र का सतत आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करना तथा क्षेत्र में विकास की स्थिति की निश्चित समयावधि पर समीक्षा करना है। मंच का सचिवालय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डीओएनईआर) में स्थापित किया गया है। मंच में सभी पूर्वोत्तर राज्यों, उनके मुख्य सचिवों तथा संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों के सचिव, प्रतिष्ठित संस्थानों (आईआईटी तथा आईआईएम) के निदेशकों, विशेषज्ञों तथा पत्रकारों को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।