मांग, वित्त पोषण को बढ़ाने की जरूरत: रियल्टी कंपनियां

Friday, Apr 06, 2018 - 11:28 AM (IST)

नई दिल्लीः जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों तथा परामर्शदाताओं ने कहा कि रिजर्व बैंक का प्रमुख नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय आशा के अनुरूप है लेकिन क्षेत्र वित्त पोषण और मांग के मामले में कुछ प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहा था। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त सव- नियमन निकाय के रूप में गठित नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि रिजर्व बैंक की नीति आशा के अनुरूप है।

रियल्टी कंपनियों का शीर्ष संगठन क्रेडाई के अध्यक्ष जे शाह ने कहा, "रिजर्व बैंक को सस्ते मकान को बुनियादी ढांचा का दर्जा का मतलब बताने की जरूरत है। मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को यथावत रख गया है क्षेत्र 'सभी के लिए आवास' के वित्त पोषण को लेकर संघर्ष कर रहा है।" जेएलएल इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा क्षेत्रीय प्रमुख रमेश नायर ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र कुछ प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहा था जिससे वृद्धि को गति मिलेगी। उन्होंने कहा, "शीर्ष बैंक बैंकों को कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) को 10 प्रतिशत से नीचे रखने या आवास ऋण के लिए एक सीमा लगा लगाने को लेकर निर्देश दे सकता है।"


 
 

jyoti choudhary

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