NBFC ने 2021 में किया ‘जुझारू'' प्रदर्शन, नए साल में भी वृद्धि की रफ्तार कायम रहने की उम्मीद

Sunday, Jan 02, 2022 - 05:48 PM (IST)

मुंबईः गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने बीते साल यानी 2021 में कोरोनो वायरस महामारी के संकट के बावजूद जुझारू प्रदर्शन किया और नए साल में भी उन्हें इस रफ्तार को कायम रखने का भरोसा है। माना जा रहा है कि इस साल एनबीएफसी की वृद्धि को अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार, मजबूत बही-खाते, ऊंचे प्रावधान तथा पूंजी की बेहतर स्थिति से समर्थन मिलेगा। हालांकि, रिजर्व बैंक द्वारा नवंबर, 2021 में गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) से संबंधित नियमों को सख्त किया गया है। इसके चलते एनबीएफसी का फंसा कर्ज बढ़ने की आशंका है। 

क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक और उप-मुख्य रेटिंग अधिकारी कृष्णन सीतारमण ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान यह है कि एनबीएफसी का खराब समय पीछे रह गया है और यहां से उनकी स्थिति में सुधार शुरू होगा। हमें उम्मीद है कि एनबीएफसी ऊंची वृद्धि दर्ज करेंगी और उन्हें अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार से मदद मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि एनबीएफसी के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) चालू वित्त वर्ष में 6-8 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में 8-10 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।

रिजर्व बैंक की हालिया ‘भारत में बैंकिंग का रुझान और प्रगति रिपोर्ट-2020-21' कहा गया है कि टीकाकरण की रफ्तार में तेजी और अर्थव्यवस्था के व्यापक पुनरुद्धार से एनबीएफसी क्षेत्र मजबूत बना रहेगा।'' इक्रा लि. के उपाध्यक्ष और क्षेत्र प्रमुख ए एम कार्तिक ने कहा कि बुनियादी ढांचा केंद्रित और सरकारी स्वामित्व वाली इकाइयों को छोड़कर आवास वित्त कंपनियों सहित एनबीएफसी क्षेत्र में पिछले एक से डेढ़ साल में काफी उतार-चढ़ाव रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से संबंधित अंकुशों में ढील के बाद दबी मांग से एनबीएफसी की आमदनी और प्रदर्शन में 2020-21 की दूसरी छमाही से सुधार आया है। 

कार्तिक ने कहा, ‘‘हालांकि, सुधार की इस धीमी रफ्तार पर महामारी की दूसरी लहर के दौरान रोक लगी।'' इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के उप-प्रबंध निदेशक अश्विनी कुमार हुड्डा ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि 2022 का साल काफी अच्छा रहेगा। रियल एस्टेट बिक्री में पहले ही सुधार आ रहा है और पिछले साल की तुलना में बिक्री करीब 30 से 50 प्रतिशत ऊंची है।'' उन्होंने कहा कि निचली ब्याज दरों, आय में बढ़ोतरी तथा संपत्ति की कीमतों में स्थिरता की वजह से घरों और आवास ऋण की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे में 2022 में आवास ऋण में कम से कम 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि होगी।  

jyoti choudhary

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