आम्रपाली के ग्राहकों को राहत, अटके प्रोजेक्‍ट्स पूरा करने के लिए NBCC तैयार

Thursday, Aug 02, 2018 - 06:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क: नेशनल बिल्डिंग्स कंशट्रक्शन कार्पोरेशन (एनबीसीसी) ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह आम्रपाली समूह की कंपनियों की परियोजनाओं को अपने हाथ में लेने के लिये तैयार है। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने एनबीसीसी से कहा कि इस संबंध में 30 दिन के भीतर ठोस प्रस्ताव पेश करके बताया जाये कि वह आम्रपाली समूह की परियोजनाओं को किस तरह पूरा करेगी।
  
न्यायालय ने आम्रपाली समूह को 250 करोड़ रूपए जमा कराने संबंधी अपना पहले का निर्देश वापस ले लिया क्योंकि इस पर अभी अमल होना बाकी था। पीठ ने समूह को एक आवेदन वापस लेने की अनुमति देते हुये कहा कि उसका आचरण ‘‘पूरी तरह अनुचित’’ और ‘‘पूरी तरह गलत’’ है। न्यायालय ने आम्रपाली समूह द्वारा कथित रूप से 2,765 करोड़ रूपए का अन्यत्र इस्तेमाल करने का भी संज्ञान लिया और आडिटर से कहा कि वह इस बारे में रिपोर्ट पेश करे। शीर्ष अदालत ने आम्रपाली समूह की कंपनियों के सभी बैंक खाते जब्त करने संबंधी उसके आदेश के बारे में बैंकों को भी अवगत कराने का निर्देश अपनी रजिस्ट्री को दिया।   


शीर्ष अदालत ने कल ही आम्रपाली समूह को 2008 से अब तक के उसके सारे बैंक खातों का विवरण पेश करने का निर्देश देने के साथ ही इन 40 फर्मो के सारे निदेशकों के बैंक खाते और उनकी निजी संपत्तियां जब्त करने का भी आदेश दिया था। आम्रपाली समूह को अभी भी करीब 42,000 मकान खरीदारों को उनके फ्लैट का कब्जा देना है। पीठ ने उसकी अनुमति के बगैर ही नेशनल बिल्डिंग्स कंशट्रक्शन कार्पोरेशन लि द्वारा आम्रपाली समूह से संबंधित कार्य करने के लिये को-डिवलपर्स आमंत्रित करने हेतु विज्ञापन जारी करने पर भी नाराजगी व्यक्त की थी। 


न्यायालय को पहले बताया गया था कि मकान खरीदारों के मुद्दों और नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेसव पर अधूरी अथवा अधर में अटक गयी आवासी परियोजनाओं से प्रभावित पक्षों की समस्याओं को सुनने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। समूह ने कहा था कि उसकी अधूरी और अभी तक बिक्री नहीं हुयी अथवा भावी परियोजनाओं को एनबीसीसी द्वारा पूरा कराने के लिये केन्द्र के साथ बातचीत चल रही है। 
 

vasudha

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