नैनो प्लांट पर टाटा ने राहुल को दिया कड़ा जवाब

Thursday, Nov 30, 2017 - 06:15 PM (IST)

नई दिल्ली: टाटा मोटर्स ने गुजरात के साणंद में नैनो कार के संयंत्र को लेकर उठाए गए सवाल पर कहा है कि उसे इस कारखाने के लिए कर्ज दिया गया था और उसकी अदायगी की जा चुकी है। गुजरात में चुनाव प्रचार करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में साणंद की टाटा नैनो के कारखाने को लेकर राज्य सरकार की तरफ से दिए गए कर्ज का हवाला देते हुए इसे गुजरात के लोगों के कर का दुरूपयोग करार दिया था।

गुजरात सरकार ने अनुदान नहीं ऋण दिया था: टाटा मोटर्स
टाटा मोटर्स की तरफ से गुरुवार को एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में कंपनी ने राहुल गांधी के नाम का तो उल्लेख नहीं किया है किंतु स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि गुजरात सरकार की तरफ से टाटा नैनो के साणंद संयंत्र के लिए अनुदान नहीं ऋण दिया गया था और जिसकी अदायगी कंपनी ने कर दी है।

कंपनी ने कहा कि टाटा नैनो परियोजना के स्तर और राज्य के विकास को गति देने की क्षमता को ध्यान में रखकर गुजरात सरकार ने टाटा मोटर्स को कर्ज दिया था अनुदान नहीं। सरकार ने कर्ज प्रोत्साहन पैकेज के तौर पर दिया था। इसके लिए जो समझौता हुआ उसके अनुसार सरकार को कर्ज की अदायगी की गई है। बयान में यह भी कहा गया है कि कर्ज की राशि गुजरात के लोगों के कर की नहीं थी अपितु कंपनी की तरफ से चुकाए गए कर की ही थी।

गुजरात सरकार ने निवेशकों के अनुकूल माहौल बनाया: टाटा मोटर्स
गुजरात सरकार ने टाटा मोटर्स को अब तक 584.80 करोड रुपए का ऋण दिया है। गुजरात सरकार ने निवेशकों के अनुकूल वातावरण बनाया और इसी से प्रेरित होकर कंपनी ने संयंत्र स्थापित कया। टाटा नैनो परियोजना को साणंद को प्रमुख आटोमोटिव केन्द्र बनाने के उद्देश्य से लगया गया था कि जिससे देश की समृद्धि और विकास में गुजरात अपना योगदान दे सके।

गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पिछले दिनों राहुल गांधी ने जमकर निशाने साधे। उन्होंने टाटा नैनो के संयंत्र का उल्लेख कर गुजरात के विकास माडल पर सवाल खडे किए। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने नैनो संयंत्र को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट से जोडते हुए कहा कि गुजरात के करदाताओं का धन राख में मिल गया है। राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री की पसंदीदा मेक इन इंडिया परियोजना मर चुकी है। गुजरात के करदाताओं का 33 हजार करोड रुपए राख हो गया। इसका जिम्मेदार कौन है।

उन्होंने भरुच में एक रैली के दौरान भी वहां जुटे लोगों से सवाल करते हुए पूछा था कि क्या इन दिनों टाटा नैनों कहीं सडक पर नजर आती है। टाटा मोटर्स ने कहा है कि उसके नैनो संयंत्र से राज्य में आर्थिक गतिविधियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से बढावा मिला और इससे बडी संख्या में रोजगार के अवसर बने और साणंद देश का एक महत्वपूर्ण आटो केन्द्र के रूप में उभरा। 

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