जी एंटरटेनमैंट को खरीद सकते है मुकेश अंबानी!

punjabkesari.in Wednesday, Feb 20, 2019 - 01:02 PM (IST)

मुम्बई : एप्पल, रिलायंस जियो और सोनी कॉर्प सहित 5 टैक्नोलॉजी-कम-एंटरटेनमैंट दिग्गजों को जी एंटरटेनमैंट में एक बड़ा हिस्सा खरीदने पर बातचीत के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। मामले से जानकार लोगों ने बताया कि पिछले 10 दिनों में यह लिस्ट बनाई गई है। इससे पहले इन कम्पनियों ने नॉन-बाइंडिंग बिड्स दी थीं। एन.बी.सी. यूनिवर्सल की मालिक अमरीकी कम्पनी कॉमकास्ट और कॉमकास्ट के पूर्व सी.एफ.ओ. माइकल एंजेलाकिस के नेतृत्व वाली 4 अरब डॉलर की इन्वैस्टमैंट कम्पनी एटेयरॉस भी इस होड़ में है। वे मिलकर एक समूह बना सकती हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज इस होड़ में एकमात्र भारतीय कम्पनी है। शुरू में संभावना जताई जा रही थी कि चाइनीज कम्पनियां टेनसेंट और अलीबाबा भी दमदार दावेदार होंगी लेकिन अभी उन्होंने कोई ऑफर नहीं दिया है। इंडस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि अप्रैल की डैडलाइन के अनुसार काम चल रहा है। उसके बाद बाइंङ्क्षडग ऑफर देने होंगे।
PunjabKesari
अटकलों पर कमैंट नहीं: जी प्रवक्ता
जी के प्रवक्ता ने कहा कि वह अटकलों पर कमैंट नहीं करेंगे। जैसा कि आधिकारिक बयान में बताया गया था कि जी एंटरटेनमैंट में स्टेक सेल की प्रक्रिया चल रही है। अभी अतिरिक्त विवरण नहीं दिए जा सकते हैं। जी मैनेजमैंट का मानना है कि विदेशी बायर को एंटरटेनमैंट और मीडिया कम्पनियों में 100 प्रतिशत हिस्सा खरीदने की इजाजत तो है लेकिन उसे भारत के जटिल और कई भाषाओं वाले बाजार में कारोबार बढ़ाने के लिए एक लोकल पार्टनर और मैनेजमैंट टीम की जरूरत होगी। एटेयरॉस, एप्पल, सोनी कॉर्प और रिलायंस ग्रुप को भेजी गई मेल्स का जवाब नहीं आया।

सोनी पूरा हिस्सा खरीदने के लिए उत्सुक
सूत्रों ने बताया कि सोनी प्रोमोटरों का पूरा हिस्सा खरीदने के लिए ज्यादा उत्सुक दिख रही है। कॉमकास्ट, एटेयरॉस या एप्पल का देश में तेजी से बढ़ते टैलीविजन और मीडिया एंटरटेनमैंट सैग्मैंट में ज्यादा दखल नहीं है और वे शुरूआत में प्रोमोटरों के बराबर हिस्सेदारी लेने का विकल्प खंगाल सकती हैं तथा 3 से 5 साल बाद वे उनका पूरा हिस्सा खरीद सकती हैं। कर्ज घटाने के लिए जी एंटरटेनमैंट बेचना चाहता है 50 प्रतिशत हिस्सा जी एंटरटेनमैंट एंटरप्राइजेज ने पिछले साल नवम्बर में कहा था कि सुभाष चंद्रा की अगुवाई में उसे प्रोमोटर किसी स्ट्रैटेजिक पार्टनर को अपने स्टेक का 50 प्रतिशत तक हिस्सा बेचने की योजना बना रहे हैं ताकि बैलेंस शीट से कर्ज घटाया जा सके। उसके बाद मैनेजमैंट ने संकेत दिया कि वह कम्पनी में अपनी होल्डिंग्स का 50 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा बेचने को तैयार है।
PunjabKesari
जी के शेयर सालभर में 23 प्रतिशत गिरे
जी के शेयर सालभर में 23 प्रतिशत गिर चुके हैं। इससे सुभाष चंद्रा की मोलतोल करने की क्षमता पर असर पड़ा है। करंट मार्कीट कैप 41,924.36 करोड़ रुपए है। कम्पनी में देसी और विदेशी इकाइयों के जरिए प्रोमोटरों की हिस्सेदारी 41.26 प्रतिशत है। देसी इकाइयों के जरिए रखी गई प्रोमोटर होल्डिंग का करीब 84.5 प्रतिशत हिस्सा बैंकों और फाइनैंशियल इंस्टीच्यूशंस के पास गिरवी है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News