RIL और BP ने सरकार के खिलाफ दायर केस लिया वापस, प्राइस तय करने का मिला राइट

Friday, Jun 23, 2017 - 05:51 PM (IST)

नई दिल्लीः मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और उसकी ब्रिटिश साझेदार कंपनी बीपी पीएलसी अब केजी बेसिन से निकलने वाली नेचुरल गैस का प्राइस तय कर सकेंगे। इसके साथ ही दोनों कंपनियों ने सरकार के खिलाफ दायर एक मुकदमे को भी वापस ले लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज और बीपी ने यह फैसला किया है। 

इससे पहले दोनों कंपनियों ने भारत सरकार के विरुद्घ 3 साल पहले दायर किया गया अपना एक मध्यस्थता मामला वापस ले लिया। यह मामला दोनों कंपनियों ने गैस मूल्य संशोधन में देरी होने के बाद दाखिल किया था। इसे वापस लिए जाने के बाद अब दोनों कंपनियों को गहरे समुद्र में नए क्षेत्रों से उत्पादित होने वाले प्राकृतिक गैस के विपणन और मूल्य निर्धारण करने की आजादी हासिल हो जाएगी।

इन नए क्षेत्रों पर 40,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है और इनसे 2022 तक उत्पादन शुरू होना है। सूत्रों के मुताबिक मामले को अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता से वापस लेने की प्रक्रिया 15 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अंबानी और बीपी के सीईओ बॉब डूडले की मुलाकात से पहले शुरू की गई थी। बीपी के प्रवक्ता ने मामला वापस लिए जाने की पुष्टि कर दी है। इस बारे में आरआईएल को भेजे गए एक ईमेल का हालांकि जवाब नहीं आया।

मोदी से मुलाकात के बाद अंबानी और डूडले ने उस दिन एक संवाददाता सम्मेलन में अपने कृष्णा गोदावरी बेसिन केजी-डी6 ब्लॉक में निवेश चक्र आठ साल के अंतराल के बाद फिर से शुरू करने की घोषणा कर दी थी। इसके तहत 40,000 करोड़ रुपए निवेश के साथ गहरे समुद्र के तीन खोजों के समूह का विकास किया जाएगा।

डूडले ने जनवरी 2015 में भी मोदी से मुलाकात की थी। तब डूडले की एक मांग को स्वीकार करते हुए सरकर ने यह शर्त रखी थी कि दोनों कंपनियां सरकार की गैस नीति के विरुद्घ दाखिल किसी भी कानूनी प्रक्रिया या मध्यस्थता को वापस ले लें। 

Advertising