गलत इलाज से हुई मां व बच्चे की मौत, अब संबंधित डाक्टर देंगे 19.72 लाख हर्जाना

Sunday, Apr 28, 2019 - 11:19 AM (IST)

रायगढ़ः खरसिया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डाक्टरों के समय पर नहीं पहुंचने और नर्सों के गलत इलाज से गर्भवती महिला और बच्चे की मौत होने के मामले में उपभोक्ता फोरम ने कलैक्टर, सी.एम.एच.ओ. और हॉस्पिटल में पदस्थ डाक्टरों को पीड़ित परिवार को 19 लाख 72 हजार रुपए हर्जाना देने का आदेश दिया है। 

क्या है मामला
मामला जुलाई, 2015 का है। धधरा खरसिया निवासी शशिकला पत्नी भागवत प्रसाद राठौर गर्भवती थी। प्रसव पीड़ा होने पर रात 12 बजे उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में नर्स ने डा. ललिता राज नाला एवं डा. राजेश कुमार सिंह को फोन किया, जिनकी नाइट ड्यूटी थी। नर्स के फोन करने के बावजूद डाक्टर हॉस्पिटल में तुरंत नहीं पहुंचे। करीब ढाई घंटे के बाद डाक्टर हॉस्पिटल पहुंची और मरीज को मैडीकल कालेज हॉस्पिटल में रैफर कर दिया। यहां भी महिला का इलाज नर्सों ने शुरू किया, जिसमें पता चला कि गर्भ में बच्चे की मौत हो चुकी है। कुछ देर बाद महिला की भी मौत हो गई। परिजनों को बताया गया कि खरसिया में यदि महिला व बच्चे का इलाज होता तो दोनों बच सकते थे। महिला के पति भागवत राठौर ने प्रथम न्यायालय में परिवाद दायर किया है जो अभी लंबित है। इसके बाद भागवत राठौर ने कलैक्टर सी.एम.एच.ओ. खरसिया हॉस्पिटल में ड्यूटी में पदस्थ राजेश कुमार सिंह और स्त्री रोग विशेषज्ञ ललिता राजनाला के खिलाफ  इलाज के दस्तावेज के साथ उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया।

यह कहा फोरम ने
उपभोक्ता फोरम ने पाया कि भागवत प्रसाद की पत्नी शशिकला की मौत इलाज में घोर लापरवाही से हुई। ऐसे में मामले में फोरम के अध्यक्ष एम.डी. जगदल्ला सदस्य विदुला तामस्कर एवं शिशिर वर्मा ने हॉस्पिटल में पदस्थ डाक्टरों, कलैक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पीड़ित पक्ष को 18 लाख 72 हजार रुपए एक माह में देने का आदेश जारी किया है। इसी के साथ शारीरिक और मानसिक क्षतिपूर्ति 1 लाख रुपए देने के लिए कहा गया है। 

jyoti choudhary

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