भारतपे की धोखाधड़ी के और मामले आए

punjabkesari.in Monday, Mar 07, 2022 - 11:28 AM (IST)

नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने भारतपे में धोखाधड़ी के कई मामले पकड़े हैं और जांच तंत्र ने फिनटेक क्षेत्र की इस कंपनी से अब तक 12.5 करोड़ रुपए हासिल किए हैं। इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने यह जानकारी दी है। फिनटेक कंपनी ने कॉर्पोरेट शासन में चूक के केंद्र में इस बात पर सहमति जताई है कि उसने ऐसे विक्रेताओं को अधिक इनवॉइस जारी किए जिनका अस्तित्व ही नहीं था और उसने कर प्राधिकारियों के पास अतिरिक्त 1.5 करोड़ रुपए जमा कराए हैं। इससे पहले भारतपे ने सहमति जताई थी कि कंपनी ने गैर-अस्तित्व वाले विक्रेताओं को इनवॉइस जारी किए थे और कर विभाग में करीब 11 करोड़ रुपए जमा कराए थे।

उक्त व्यक्ति ने कहा, 'फर्जी विक्रेताओं को कंपनी द्वारा जारी किए गए फर्जी इनवॉइस के और अधिक मामले सामने आए हैं। डीजीजीआई की जांच जारी है।' उस व्यक्ति ने कहा कि जांच तंत्र कंपनी से और अधिक डेटा की मांग कर रहा है और धोखाधड़ी के मामलों पर उसकी नजर है क्योंकि कंपनी के बोर्ड की तरफ से कराए गए बाहरी ऑडिट में फर्जी विक्रेताओं के साथ कंपनी के सौदे की गहराई से जांच करने की बात कही गई है। भारतपे ने टिप्पणी के लिए भेजे गए ईमेल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

कंपनी ने अक्टूबर, 2021 में स्वीकार किया था कि उसने गैर-अस्तित्व वाले विक्रेताओं को इनवॉइस जारी किए थे और कर विभाग में बकाया तथा जुर्माने के तौर पर करीब 11 करोड़ रुपये जमा कराये थे। कंपनी के बोर्ड ने अल्वारेज ऐंड मार्सल से कंपनी का ऑडिट करवाया था जिसमें फर्जी या गैर-अस्तित्व वाले विक्रेताओं के साथ भारतपे के सौदों का पता चला था। ऑडिट की शुरुआती जानकारी डीजीजीआई की इस जांच पर आधारित है कि कंपनी ने गैर-अस्तित्व वाले विक्रेताओं या ऐसे विक्रेताओं से खरीद कि जो अपने कारोबार के मुख्य पते पर परिचालन नहीं करते हैं। फिनटेक कंपनी ने अपने प्रतिनिधि दीपक गुप्ता के माध्यम से माना था कि उसके कुछ विक्रेताओं का अस्तित्व नहीं है। गुप्ता माधुरी जैन ग्रोवर का रिश्तेदार है। माधुरी भारतपे के सह संस्थापक अशनीर ग्रोवर की पत्नी है और वह कंपनी के नियंत्रण की प्रमुख थी।

ऑडिट से पता चला कि ग्रोवर का परिवार और रिश्तेदार कंपनी के फंड में व्यापक हेराफेरी में शामिल थे जिसमें फर्जी विक्रेता बनाना शामिल था। वे इतने तक ही सीमित नहीं थे बल्कि उन्होंने इनके जरिये कंपनी के व्यय खाते से धन की निकासी की और खुद को समृद्घ करने तथा अपनी फिजूलखर्ची के लिए पैसा का बंदोबस्त करने के लिए कंपनी के व्यय खातों का दुरुपयोग किया। भारतपे ने अशनीर और माधुरी जैन दोनों को कंपनी से बाहर कर दिया है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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