4% तक घट सकता है मंथली PF कंट्रीब्‍यूशन, आज फैसला करेगा EPFO

Saturday, May 27, 2017 - 09:59 AM (IST)

नई दिल्लीः कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ई.पी.एफ.ओ.) का न्यासी बोर्ड अपनी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में अनिवार्य अंशदान को घटाकर 10 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे सकता है। अगर बोर्ड इस प्रस्‍ताव को मंजूरी दे देता है तो संगठित क्षेत्र में काम कर रहे लगभग 4 करोड़ कर्मचारियों के पी.एफ. फंड पर असर पड़ेगा और उनको रिटायरमेंट पर पी.एफ. के तौर पर कम पैसा मिलेगा। हालांकि उनकी टेक होम सैलरी बढ़ जाएगी।

आज होगी EPFO की बैठक
मौजूदा व्यवस्था के तहत कर्मचारी व नियोक्ता कर्मचारी भविष्य निधि योजना (ई.पी.एफ.), कर्मचारी पेंशन योजना (ई.पी.एस.) तथा कर्मचारी जमा सम्बद्ध बीमा योजना (ई.डी.एल.आई.) में कुल मिला कर मूल वेतन की 12-12 प्रतिशत राशि का योगदान (प्रत्येक) करते हैं। सूत्रों ने बताया कि ई.पी.एफ.ओ. की बैठक आज यानी 28 मई 2017 को पुणे में होनी है। बैठक के एजेंंडे में यह विषय भी है। इसके तहत कर्मचारी व नियोक्ता द्वारा अंशदान को घटाकर मूल वेतन (मूल वेतन व महंगाई भत्ता सहित) का 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।

कर्मचारी को कैसे होगा फायदा
अनिवार्य योगदान में कटौती से कर्मचारियों को चार प्रतिशत का लाभ होगा। वर्तमान में नियोक्‍ता और कर्मचारी बेसिक सैलरी का 24 प्रतिशत अनिवार्य योगदान करते हैं। यह घटकर 20 प्रतिशत रह जाएगा। इससे कर्मचारी को हाथ में मिलने वाले वेतन में वृद्धि होगी और वह ज्‍यादा खर्च कर पाएगा। इससे देश की अर्थव्‍यवस्‍था को भी कुछ गति मिलेगी।

श्रमिक संगठन करेंगे विरोध
सूत्रों के अनुसार श्रम मंत्रालय को इस बारे में कई ज्ञापन मिले हैं जिनके अनुसार इस तरह के कदम से कर्मचारियों के पास खर्च के लिए अधिक राशि बचेगी जबकि नियोक्ताओं की देनदारी भी कम होगी। वहीं श्रमिक संगठनों ने इस प्रस्ताव का विरोध करने का फैसला किया है। उनका कहना है कि इससे ये सामाजिक सुरक्षा योजनाएं कमजोर होंगी। 
 

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