‘शत्रु संपत्ति’ के लेकर मोदी सरकार ने किया बड़ा फैसला

Saturday, Nov 10, 2018 - 12:28 PM (IST)

नई दिल्लीः मोदी राज में ज्यादातर लोग मंहगाई की मार से परेशान है। बड़ी मुसीबत में फंस चुकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार अब बड़ा दांव चलने जा रही है। मोदी सरकार ने अपना खजाना भरने के लिए ‘शत्रु संपत्ति’ (enemy shares) बेचेगी। दरअसल शत्रु संपत्ति उन लोगों की संपत्ति है जो 1947 में विभाजन के समय भारत में अपनी जमीन जायदाद छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे।

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस संपत्ति की कीमत लगभग 3,000 करोड़ रुपए है, जिसे भारत ‘इनेमी प्रॉपर्टीज’ करता है। यह संपत्ति उन लोगों से संबंधित है, जो पाकिस्तान और चीन में जा चुके हैं। इन दोनों देशों से भारत की जंग भी हो चुकी है। एक बार यदि कोई भारतीय इन दोनों में से किसी देश का नागरिक बन जाता है तो उन्हें ‘शत्रु’ माना जाता है और जमीन-घर के साथ ही उनके शेयरों सहित हर तरह की संपत्ति को सीज कर लिया जाता है। यह संपत्ति कस्टोडियम ऑफ इनेमी प्रॉपर्टी ऑफ इंडिया के पास रहती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार इनेमी प्रॉपर्टी एक्ट, 1968 को लगातार सख्त बनाती जा रही है। यहां तक कि सरकार पीछे छूट गए कानूनी वारिसों को भी इसके दायरे में ले आई है। सरकार ने एक बयान में कहा कि मोदी कैबिनेट ने गुरुवार को 996 कंपनियों में 20,323 शेयरहोल्डर्स के शेयरों को बेचने की योजना को मंजूरी दे दी, जिन्हें इनेमी शेयर माना जाता है। सरकार ने कहा कि इनमें स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड 139 कंपनियों सहित 588 कंपनियां एक्टिव हैं।
 

Isha

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