सरकारी कर्मचारियों को मोदी सरकार का तोहफा, 7वें वेतन आयोग पर लिया बड़ा फैसला

Wednesday, Jan 16, 2019 - 11:09 AM (IST)

नई दिल्ली: इंजीनियरिंग कॉलेज सहित देश भर के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिश के तहत बढ़ा हुआ वेतन देने को मंजूरी दे दी है। सरकार ने इसे लेकर 1241 करोड़ रुपए भी जारी कर दिए हैं। तकनीकी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की यह मांग काफी समय से लंबित थी।

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को इसे मंजूरी दिए जाने की जानकारी दी और साथ ही बताया कि इसका सीधा लाभ सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले करीब 29,264 शिक्षकों को मिलेगा। इसके अलावा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (ए.आई.सी.टी.ई.) के दायरे में आने वाले निजी संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी इसका अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

वर्णनीय है कि कुछ राज्य अपने यहां सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को पहले ही लागू कर चुके हैं। हाल ही में महाराष्ट्र ने भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को मंजूरी दी। सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद राज्य सरकार के खजाने पर 21 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। इस फैसले से राज्य के तकरीबन 17 लाख कर्मचारियों को लाभ पहुंचेगा।

क्‍या है सातवां वेतन आयोग
केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 28 फ़रवरी 2014 को सातवें केन्‍द्रीय वेतन आयोग की रूपरेखा को मंजूरी दी। इस संबंध में वेतन, भत्‍तों और अन्‍य सुविधाओं को ध्‍यान में रखकर रूपरेखा तैयार की गई। इसमें औद्योगिक और अनौद्योगिक केन्‍द्रीय सरकार के कर्मचारी, अखिल भारतीय सेवाओं के कर्मी, केंद्रशासित प्रदेशों के कर्मी, भारतीय लेखा एवं परीक्षण विभाग के अधिकारी एवं कर्मी, रिजर्व बैंक को छोड़कर संसद अधिनियम के तहत गठित नियामक संस्‍थाओं के सदस्‍यों तथा उच्‍चतम न्‍यायालय के अधिकारियों एवं कर्मियों को शामिल किया गया है।

Isha

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