मोदी सरकार का बड़ा फैसला, खाद्यान्नों की पैकिंग जूट की बोरी में करना अनिवार्य
Thursday, Oct 29, 2020 - 05:10 PM (IST)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट और CCEA (Cabinet Committee on Economic Affairs) की बैठक में एथेनॉल की कीमतों को बढ़ाने का फैसला लिया है। सरकार ने एथेनॉल की कीमत में 5 से 8 फीसदी बढ़ोतरी कर दी है। इस बैठक में सरकार ने खाद्यान्न में 100 फीसदी और चीनी में 20 फीसदी जूट पैकेजिंग को अनिवार्य कर दिया है। इसके पीछे का मकसद है जूट पैकेजिंग में भारत को आत्मनिर्भर बनाना।
The Union Cabinet has approved the extension of norms for mandatory packaging in Jute materials. 100% of the food-grains & 20% of the sugar to be mandatorily packaged in diversified jute bags: Union Minister Prakash Javadekar pic.twitter.com/e1vNXUJsmB
— ANI (@ANI) October 29, 2020
एथेनॉल की कीमत में 5 से 8 प्रतिशत वृद्धि
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने जानकारी देते हुए बताया कि एथेनॉल की कीमत में बृहस्पतिवार को 5 से 8 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी दे दी। शुगर से बनने वाले एथेनॉल की कीमत 62.65 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। बी हैवी की कीमत 57.61 रुपये और सी हैवी की कीमत 45.69 प्रति लीटर कर दी गई है। इससे चीनी मिलों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा और वे किसानों के बकाये का भुगतान कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस कदम से किसानों को उनकी उपज का लाभकारी दाम मिलने के साथ ही पेट्रोलियम पदार्थों का आयात कम करने में मदद मिलेगी। पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल को मिलाने की अनुमति है। मंत्री ने कहा कि इस कदम से प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि एथनॉल पर्यावरण के अनुकूल ईंधन है।
खाद्यान्नों की पैकिंग जूट की बोरी में करना अनिवार्य
जूट उद्योग की मदद के लिए सरकार ने खाद्यान्नों की 100 फीसदी पैकिंग और चीनी की 20 प्रतिशत पैकिंग जूट की बोरियों में किया जाना अनिवार्य कर दिया है। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कि मंत्रिमंडलन ने अनिवार्य जूट पैकेजिंग आदेश का विस्तारित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से हजारों किसानों के साथ साथ साथ जूट उद्योग में लगे लगभग चार लाख श्रमिकों को लाभ होगा। जूट (पटसन) मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, मेघालय, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश में उगाया जाता है।
अलगे सीजन एथेनॉल का उत्पादन दोगुना होने की उम्मीद
बता दें कि अगले सीजन (दिसंबर 2020-नवंबर 2021) तक एथेनॉल का उत्पादन दोगुना होने की उम्मीद है। उत्पादन बढ़ने से सरकार पेट्रोल में 8 फीसदी एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य पूरा कर पाएगी। सूत्रों के अनुसार नेशनल बायोफ्यूल पॉलिसी के तहत 2022 तक 10 फीसदी और 2030 तक 20 फीसदी Ethanol Blending जरूरी करने का लक्ष्य है।