फर्जीं कंपनियों को खत्म करने के लिए मोदी सरकार ने बनाया प्लान, इस पर लगाएगी दांव

Monday, Apr 20, 2020 - 04:43 PM (IST)

नई दिल्लीः कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय मुखौटा कंपनियों को जड़ से समाप्त करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा विश्लेषण पर दांव लगाने जा रहा है। मंत्रालय एक ऐसे परिवेश पर काम कर रहा है जिसमें नियमों का अनुपालन नहीं करने वाली कंपनियों के लिए कोई जगह नहीं होगी। कामकाज के संचालन की बेहतर प्रणाली और अनुपालन का उच्चस्तर सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय एमसीए-21 पोर्टल (MCA 21 portal) को बेहतर करने के लिए भी प्रयास कर रहा है। इस पोर्टल का इस्तेमाल कंपनी कानून के तहत कंपनियों द्वारा जरूरी सूचनाएं देने के लिए किया जाता है। साथ ही यह कंपनियों के आंकड़ों की रिपॉजिटरी के रूप में भी काम करता है।

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कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा कि एक बार MCA 21 के तीसरे संस्करण के पूरी तरह परिचालन में आने के बाद मुखौटा कंपनियों के लिए बच पाना लगभग असंभव होगा। सामान्य रूप से मुखौटा कंपनियां ऐसी कंपनियां होती हैं जो नियमों का अनुपालन नहीं करतीं। इनमें से कुछ इकाइयों का इस्तेमाल कथित रूप से धन शोधन और अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए किया जाता है।

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उन्होंने कहा कि इस पोर्टल का तीसरा संस्करण करीब एक साल में पूरी तरह परिचालन में आ जाएगा। उसके बाद कोई कंपनी अनुपालन करने से बच नहीं सकेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रणााली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा विश्लेषण के जरिए निगरानी स्वत: तरीके से हो सकेगी। एमसीए-21 प्रणाली की शुरुआत 2006 में हुई थी। अभी इसका दूसरा संस्करण परिचालन में है।

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देश में करीब 12 लाख सक्रिय कंपनियां हैं। ये ऐसी कंपनियां हैं जो कंपनी कानून के तहत नियामकीय जरूरतों को पूरा करती हैं। पिछले दो-तीन साल के दौरान मंत्रालय नियमनों का अनुपालन नहीं करने वाली कंपनियों का पंजीकरण रिकॉर्ड से हटा रहा है। श्रीनिवास ने कहा, जो रुख दिख रहा है, 4.25 लाख मुखौटा कंपनियों को रिकॉर्ड से हटाने के बाद हर साल ऐसी कंपनियों की संख्या घट रही है। ऐसे में यह संकेत मिलता है कि मुखौटा कंपनियों के लिए बने रहना अब संभव नहीं रह गया है।

jyoti choudhary

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