अब नहीं होगी भोजन की बर्बादी, मोदी सरकार लागू करने वाली है यह नया नियम

Tuesday, Aug 27, 2019 - 10:09 AM (IST)

नई दिल्लीः भारत में भोजन की बर्बादी को लोग गंभीर समस्‍या नहीं मानते हैं। लगभग हर शादी-विवाह या अन्‍य कार्यक्रमों में भोजन की बर्बादी होती है। लेकिन अब मोदी सरकार इसको लेकर एक नियम बनाने जा रही है। इस नियम के तहत भोजन की बर्बादी रोकने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही उन लोगों को भोजन मिल सकेगा, जो अब भी इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने विभिन्न प्रतिष्ठानों और कारोबारों में भोजन की बर्बादी रोकने और भोजन दान करने को प्रोत्साहित करने के लिए नियमन तैयार किए हैं। इसके तहत विभिन्न प्रतिष्ठानों और कारोबारों में भोजन की बर्बादी रोकने और भोजन दान करने को प्रोत्साहित करने की पहल की जाएगी।

1 जुलाई 2020 से लागू होंगे नियम
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकार (एफएसएसएआई) का यह जरूरतमंद व्यक्तियों को वितरण के लिए गैर-लाभकारी संगठनों को भोजन और किराना उत्पादों को दान करने को प्रोत्साहित करने का प्रयास है। ये नियमन एक जुलाई, 2020 से अमल में आएंगे। एफएसएसएआई ने कहा, ‘‘भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा भोजन उत्पादक देश है, लेकिन वैश्विक भूख सूचकांक 2014 में, भारत दुनिया के 119 सबसे ज्यादा भूख पीड़ित देशों की सूची में 103 वें स्थान पर रहा है। कुछ प्रोटोकॉल के कारण, खाद्य कारोबारी जल्दी खराब होने वाले भोज्य पदार्थो को नष्ट कर देते हैं।'' इस मुद्दे के समाधान के लिए, एफएसएसएआई ने बचे हुए भोजन के सुरक्षित वितरण को सुनिश्चित करने के लिए 20 अधिशेष खाद्य वितरण एजेंसियों के साथ दूसरे दौर की बैठक की।

FSSAI ने शुरु किया अभियान
एफएसएसएआई ने ‘फूड रिकवरी इकोसिस्टम' बनाने के लिए ‘भोजन बचाओ, भोजन बांटो खुशियां बांटो नाम से एक अभियान की शुरूआत की है। इस पहल का उद्देश्य भोजन बनाने वाली कंपनियों, अधिशेष खाद्य वितरण एजेंसियों और लाभार्थियों के बीच दूरी को पाटना है। बयान में कहा गया है, ‘‘अधिशेष खाद्य वितरण एजेंसियों के लिए भोजन लाइसेंस पोर्टल पर एफएसएसएआई के साथ पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।''

Supreet Kaur

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